Mallikarjun Kharge controversial statement On Jyotirling: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने खुद की तुलना 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग से की है। खरगे ने दिल्ली में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मैं हिंदू हूं, मेरा नाम है मल्लिकार्जुन खड़गे है। मैं 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग में से एक लिंग मैं हूं। मेरे पिता ने मेरा ऐसा नाम रखा है। खरगे के विवादित बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने इसे लेकर कड़ा विरोध किया है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने इसे हिंदू आस्था का अपमान बताया और खरगे से माफी की मांग की।
दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार (1 दिसंबर) को दिल्ली से संविधान यात्रा की शुरुआत की। इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
खरगे ने कहा कि ‘मेरी पार्टी सेक्लुयर है। मैं चाहता हूं कि हम सभी एक साथ होकर चलें। बीजेपी के लोग लोकतंत्र में मिली शक्ति को खत्म करने का काम कर रहे हैं। बीजेपी नैतिकता की सिर्फ बातें करती है, लेकिन अनैतिक काम करती है। वो कभी ईवीएम से वोट चुराती है तो कभी आपके चुने हुए विधायक चुराती है। कभी आपकी पेंशन चुराती है, तो कभी किसानों की एमएसपी चुराती है।
आगे बोलते हुए खरगे ने कहा कि ‘मैं हिंदू हूं, मेरा नाम है मल्लिकार्जुन खड़गे है। मैं 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग में से एक लिंग मैं हूं। मेरे पिता ने मेरा ऐसा नाम रखा है। खरगे के इस विवादित बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
बीजेपी ने साधा निशाना
खरगे के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखा विरोध जताया है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो जारी कर इसे हिंदू आस्था का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा, “हिंदू आस्था का अपमान करना कांग्रेस पार्टी की पुरानी आदत है। पहले कांग्रेस ने श्री राम का अपमान किया था। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह को कांग्रेस ने नाच-गाना बताया था। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भगवान शिव का अपमान करते हुए खुद को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बताया है।
पूनावाला ने खरगे के बयान को करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या कांग्रेस किसी अन्य धर्म से जुड़ी ऐसी टिप्पणी करने की हिम्मत कर सकती है? यह वोट बैंक की राजनीति है, जिसमें कांग्रेस हिंदू समाज की आस्था को बार-बार अपमानित कर रही है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (Mallikarjuna Jyotirling)
बता दें कि देश के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग में से एक मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भी है। यह पवित्र ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं। यह
शैव और शक्ति दोनों हिंदू संप्रदायों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मंदिर को शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक और हिंदू देवी के अठारह शक्तिपीठों में से एक के रूप में जाना जाता है।
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मंदिर परिसर दो हेक्टेयर में फैला है और इसमें चार प्रवेश द्वार हैं जिन्हें गोपुरम के नाम से जाना जाता है । मंदिर में कई मंदिर हैं, जिनमें मल्लिकार्जुन और भ्रमरम्बा के मंदिर सबसे प्रमुख हैं। मंदिर परिसर में कई हॉल हैं; सबसे उल्लेखनीय विजयनगर काल के दौरान निर्मित मुख मंडप है। मंदिर पूर्व की ओर मुख करके स्थित है। केंद्र मंडप में कई स्तंभ हैं, जिनमें नादिकेश्वर की एक विशाल मूर्ति है। मंदिर 183 मीटर (600 फीट) गुणा 152 मीटर (499 फीट) और 8.5 मीटर (28 फीट) ऊंची ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है।
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