Mallikarjun Kharge Attack On Modi Government: चुनाव संचालन नियमों में संशोधन को लेकर खरगे ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने चुनाव नियमों में बदलाव के फैसले की जमकर आलोचना की है, राज्यसभा सांसद खरगे ने कहा “चुनाव आयोग की अखंडता को नष्ट करने की व्यवस्थित साजिश” बताया है. साथ ही कहा कि चुनाव आयोग (Election Commission) की अखंडता को नष्ट करना संविधान और लोकतंत्र (Democracy) पर सीधा हमला है. उन्होंने इसे चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को कमजोर करने की साजिश बताया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चुनाव संचालन नियमों में किया गया ये दुस्साहस सरकार की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. खरगे ने कहा कि चुनाव आयोग की अखंडता को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और हम उनकी रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे. खरगे ने इस कदम की तुलना चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले चयन पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटाने से की और कहा, “सरकार द्वारा भारत के चुनाव आयोग की अखंडता को नष्ट करना संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और हम उसकी रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे.”
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सासंद खरगे ने कहा कि इससे पहले उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले चयन पैनल से हटा दिया था, और अब वे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को छिपाने का सहारा ले रहे हैं. खरगे ने कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में पारदर्शिता की कमी जैसे अनियमितताओं के बारे में लिखा, तो चुनाव आयोग ने अपमानजनक तरीके में जवाब दिया और कुछ गंभीर शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया. यह फिर से साबित करता है कि चुनाव आयोग भले ही एक एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्था है लेकिन यह स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है.
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बताया जा रहा है संशोधन में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश का पालन किया गया, जिसमें सीसीटीवी कैमरा फुटेज सहित हरियाणा विधानसभा चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेजों को एक वकील के साथ साझा करने का आदेश दिया गया था, जो चुनाव आयोग के खिलाफ मामला लड़ रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा है इस संशोधन को कानूनी तौर पर चैलेंज किया जाएगा.
चुनाव आयोग की सिफारिश पर किया बदलाव
बता दे कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग (Election Commission) की सिफारिश पर चुनाव नियमों में बड़ा बदलाव किया है. केंद्रीय कानून मंंत्रालय (Ministry of Law and Justice) ने शुक्रवार को जनता के सार्वजनिक निरीक्षण के लिए उपलब्ध किए जाने दस्तावेजों या कागजातों के प्रकार को प्रतिबंध लगाने के लिए 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया है. अब आम जनता चुनाव के इलेक्ट्रानिक रिकार्ड नहीं मांग पाएंगे. सरकार ने CCTV कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने यह बदलाव किया है.
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