कपिल मिश्रा, शिवपुरी। जिले के कोलारस में कुपोषित आदिवासी बच्ची की इलाज के बिना मौत हो गई। परिजन बच्ची के इलाज के लिए उसे सबसे पहले लेकर कोलारस अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से उसे शिवपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। शिवपुरी से ग्वालियर रेफर कर दिया गया। अपनी बच्ची के इलाज के लिए अस्पताल दर अस्पताल भटकने से परेशान होकर और आर्थिक परेशानी से झूझ रहा परिवार बच्ची को अपने साथ घर लेकर आ गया, जहां जहां बच्ची की मौत हो गई।

वहीं प्रदेश के सभी बच्चों को सुपोषित करने का दंभ भरने वाली शिवराज सरकार के अधिकारी अब बच्ची की मौत पर लीपापोती कर रहे हैं। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी के अधिकारी ने बच्ची की मौत के लिए उसके परिजनों को ही दोषी ठहराया है। अधिकारी परिवार के कोलारस में नहीं रहने के साथ उसे विभिन्न योजनाओं का फायदा नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि हमें उसके बारे में कुछ जानकारी ही नहीं है। वो मजूर 10 दिन पहले ही कोलारस आया है। बच्ची पहले से कुपोषित थी। उसे अस्पताल ले जाने की जगह परिजन झाड़फूंक कराते रहे। इससे बच्ची की मौत हुई है।

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दरअसल जिले के कोलारस में रहने वाला आदिवासी चंद्रपाल मजदूरी करता है। अपने परिवार के साथ मजदूरी करने महुरानीपुर गया था। वहां उसकी बेटी लक्ष्मी और बेटा कान्हा बीमार हो गए। मजदूरी से लौटने के बाद पहले तो बेटी लक्ष्मी के परिजन पहले तो झाड़फूंक कराते रहे।

हालत बिगड़ने पर बच्ची को कोलारस अस्पताल में भर्ती कराया। बच्ची के परिजनों के अनुसार पहले तो वहां इलाज में लापरवाही बरती गई। बाद में उसे शिवपुरी जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। शिवपुरी के जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्ची की स्थिति को देखते हुए उसे ग्वालियर रेफर कर दिया। परिजन लगातार रेफर प्रक्रिया से नाराज होकर बेटी को वापस घर कोलारस लेकर आ गए, जहां बच्ची ने दम तोड़ दिया।

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कुपोषित बेटे को अधिकारियों ने एनआरसी में कराया भर्ती
कुपोषित बच्ची लक्ष्मी की मौत की ख़बर जैसे ही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी को लगी। विभाग के अधिकारी आनन नन में मजदूर के घर पहुँचे। उन्होंने देखा कि कि मजदूर का बेटा कान्हा भी कुपोषित है। जिसके बाद माता पिता को समझाइश देकर कुपोषित बेटे को इलाज के लिए एनआरसी में भर्ती कराया है।

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परिजन ने बेटे के बेहतर इलाज नहीं करने का लगाया आरोप
वहीं बच्ची के मां का आरोप है कि बेटी की मौत के बाद उसके बेटे को अभी भी बेहतर इलाज नहीं दिया जा रहा है। ही पिता ने बताया कि बेटी की मौत पर स्थानीय प्रशासन ने उसे पांच हजार की सहायता राशि दी। उन्हें समझाइश दी कि अब तुम किसी के बहकावे में मत आना यह पैसे आपके खर्च के लिए है।

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झाड़फूंक के कारण तबीयत बिगड़ने से हुई मौत
शिवपुरी डीपीओ देवेंद्र सुन्दरियाल ने कहा कि आदिवासी के बच्चों की तबीयत मजदूरी के लिए बाहर जाने पर बिगड़ी है। वहां से लौट कर वह बच्चों का इलाज कराने की बजाय झाड़फूंक कराते रहे। इस दौरान तबीयत और अधिक बिगड़ गई और यही बच्ची की मौत की वजह बनी। आज दूसरे बेटे को इलाज के लिए एनआरसी में भर्ती करवाया है।

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कमलनाथ ने बीजेपी पर साधा निशाना
शिवपुरी में एक कुपोषित आदिवासी बच्ची की मौत पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर बच्ची की मौत और उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बीजेपी के कन्या पूजन कार्यक्रम पर सवाल उठाया है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “उपचुनाव क्षेत्रों में भाजपा का कन्या पूजन कार्यक्रम जारी और वही नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर मध्यप्रदेश के शिवपुरी के कोलारस में कुपोषित आदिवासी परिवार की मासूम लक्ष्मी की दुखद मौत, परिवार भटकता रहा इलाज नहीं मिला। यह है भाजपा का सेवा, समर्पण,जनकल्याण सुराज व कन्या पूजन अभियान..?