अवैध प्रवासियों को शह देने का आरोप झेलने वाली तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में SIR प्रक्रिया का विरोध शुरू कर दिया है. तृणमूल सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी पहले ही एसआईआर के खिलाफ आवाज उठा चुकी हैं. अब एक कदम आगे बढ़कर तृणमूल का शीर्ष नेतृत्व सड़कों पर उतरकर इसका खुलकर विरोध करने की तैयारी में जुट गया है. इसी बीच, राज्य शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ब्रात्य बसु ने SIR का विरोध करते हुए विवादित टिप्पणी कर दी है जिसने सियासी हलचल एक बार फिर बढ़ा दी है.शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए ब्रात्य बसु ने जो कहा, उसमें रोहिंग्या घुसपैठियों और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज को लगभग एक ही पंक्ति में खड़ा कर दिया गया.

आजाद हिंद फौज की रोहिंग्या से तुलना

ब्रात्य बसु ने कहा, “भाजपा एक खतरनाक पार्टी है. उन्हें नक्शा समझ नहीं आता. जिस रास्ते से रोहिंग्या म्यांमार से घुसते हैं, वह बर्मा से कोलकाता का रास्ता है. वह आज़ाद हिंद फौज का रास्ता है. भाजपा उस रास्ते का अपमान कर रही है.” एसआईआर का विरोध करते हुए, ब्रात्य ने आजाद हिंद फौज और रोहिंग्या की तुलना की.

दूसरी ओर, भाजपा का दावा है कि ब्रात्य बसु ने आजाद हिंद फ़ौज का अपमान किया है. भाजपा नेता सजल घोष ने ब्रात्य बसु पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, “ब्रात्य बसु एक प्रोफेसर थे. वह एक हद तक गिर गए हैं. अगर वह इस हद तक नहीं गिरते, तो तृणमूल का काम नहीं चल सकता है.”

भाजपा ने मंत्री से मांगा इस्तीफा

भाजपा सांसद और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्रीसुकांत मजूमदार ने शिक्षा मंत्री की टिप्पणी की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा, “रोहिंग्या की तुलना आजाद हिंद फ़ौज के वीर सैनिकों से करना बेहद दुखद और निंदनीय है. 1944 में, जब सर्वमान्य नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फ़ौज ने बर्मा के रास्ते भारतीय धरती पर प्रवेश किया, तब भी नेहरू कांग्रेस उन्हें “घुसपैठिए” कहकर भ्रम फैला रही थी. “

उन्होंने कहा कि आज, उसी भाषा का प्रयोग करने का यह प्रयास भारत की स्वतंत्रता और देशभक्ति के इतिहास का गहरा अपमान है. भाजपा ने इस टिप्पणी के लिए शिक्षा मंत्री से तत्काल माफी मांगने की मांग की है और उनके इस्तीफे की भी मांग की है.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m