Teacher Recruitment Scam: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता सरकार (Mamta government) को बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने 24 हजार स्कूल टीचर्स की भर्ती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वहीं घोटाले की जांच करने के आदेश CBI को दिए है। वहीं भर्ती रद्द होने के बाद सभी को 6 हफ्ते में पूरी सैलरी लौटानी होगी।
दरअसल पश्चिम बंगाल में 2016 में हुई स्कूल भर्तियों में अनियमितता देखने को मिली थी। इसके बाद याचिकाओं और अपीलें दायर कर अदालत का दरवाजा खटखटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर स्कूल भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (West Bengal School Service Commission) (एसएससी) में पदों पर रहे कुछ पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया था। अदालत की तरफ एक बार फिर से सीबीआई को जांच के लिए हरी झंडी मिल गई है। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने तक की आरोप हैं।
बता दें कि भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Former Education Minister Partha Chatterjee) और कई तृणमूल पदाधिकारियों के साथ ही राज्य शिक्षा विभाग के कई अधिकारी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों कथित अनियमितताओं की जांच कर रही हैं।
2014 में हुआ था घोटाला
यह घोटाला 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला है. इतना ही नहीं कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी. जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है। इसी तरह से राज्य में 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं।
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ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद किए थे 21 करोड़
ईडी ने इस मामले में इस साल मई में जांच शुरू की थी. ईडी ने 22 जुलाई को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। जब पार्थ चटर्जी से अर्पिता की पहचान पूछी गई, तो उन्होंने इस बारे में संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। इसके बाद ईडी के रडार पर अर्पिता मुखर्जी आ गईं। जब ईडी ने अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा तो करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले थे।
केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं जांच
कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से पारित आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियां कथित शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितताओं की जांच कर रही हैं।जांच के दौरान प्रसन्ना रॉय का नाम सामने आया था, जिसके बाद पिछले साल दिसंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में कोलकाता में चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यापारियों सहित अन्य लोगों के घर और ऑफिस पर छापेमारी की थी।
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