पटना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा SIR (Social Impact Review) को लेकर दिए गए बयान पर बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने बयान देते हुए कहा कि ममता बनर्जी का दावा वास्तविक तथ्यों से परे है और यह बयान केवल जनता को भ्रमित करने की रणनीति के तौर पर दिया गया है। चौधरी ने स्पष्ट कहा कि SIR का NRC या किसी भी तरह की नागरिकता से जुड़े सवालों से कोई संबंध नहीं है। इसे गलत तरीके से राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।
पहली बार नहीं हो रहा SIR
अशोक चौधरी ने कहा कि SIR नई प्रक्रिया नहीं है। देश में इससे पहले भी कई बार SIR कराया जा चुका है। यह एक नियमित प्रशासनिक अभ्यास है, जिसका मकसद सरकारी योजनाओं और नीतियों के सामाजिक प्रभाव का आकलन करना होता है। उन्होंने कहा देश में यह काम पूर्व में भी हुआ है और किसी भी सरकार ने इसे लेकर विवाद पैदा नहीं किया। लेकिन अब इसे जानबूझकर गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।
अल्पसंख्यकों में डर फैलाने की कोशिश
मंत्री चौधरी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी और विपक्ष SIR को नागरिकता या पहचान से जोड़कर जनता विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय में अनावश्यक भय फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए विपक्ष लोगों को असुरक्षित महसूस करा रहा है ताकि उनका वोट हासिल किया जा सके। ये लोग मतदाताओं में भ्रम फैलाकर माहौल खराब करना चाहते हैं। चौधरी ने कहा लेकिन सच्चाई यह है कि SIR पूरी तरह से प्रशासनिक प्रक्रिया है इसका नागरिकता या NRC से कोई लेना-देना नहीं है।
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