Mamta Kulkarni Mahamandleshwar controversy. ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले वैष्णव किन्नर अखाड़ा, फिर संत समाज, फिर हिमांगी सखी, स्वामी आनंद स्वरूप लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने ममता का समर्थन किया है. रवींद्र पुरी ने कहा कि कोई संत बने, कोई विरोध नहीं है. यह सनातन को आगे बढ़ाने का काम है. कोई सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए संत बनता है तो कोई आपत्ति नहीं है.
बता दें कि ममता कुलकर्णी को लेकर विवाद लगातार हो रहा है. संत इसका विरोध कर रहे हैं. पहले किन्नर वैष्णव अखाड़ा इसके बाद तमाम संतों ने इसका विरोध किया. शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने आरोप लगाया था कि अखाड़े में पद पैसे लेकर दिए जा रहे हैं. उन्होंने 13 अखाड़ों पर भी सवाल उठाए और कहा कि अखाड़ा परंपरा से भटक चुका है. स्वामी आनंद स्वरूप ने किन्नर अखाड़े के अस्तित्व पर भी सवाल उठाए थे.
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जारी है विरोध
इससे पहले किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी भी इस पर विरोध जता चुकी है. हिमांगी सखी का कहना है कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री का महामंडलेश्वर क्यों बनाया है. उन्होंने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, तो फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया? अगर इसी तरह हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है.
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