दिल्ली. अक्सर किसी शख्स के खिलाफ किसी मामले में अरेस्ट वारंट जारी होता है तो वह दुखी हो जाता है. वारंट जारी होने पर लोग भागते हैं लेकिन गुजरात के वडोदरा में एक अनोखा मामला देखने को मिला. यहां एक शख्स के खिलाफ अदालत ने जब अरेस्ट वारंट जारी किया तो पहले वह घर पर नहीं मिला. इसके बाद वह जश्न मनाते हुए, माला पहनकर अपनी गिरफ्तारी देने के लिए खुद थाने पहुंचा.
पुलिस ने बताया कि आरोपी हेमंत राजपूत की सुनीता के साथ शादी हुई थी. शादी के कुछ समय बाद सुनीता उसके माता-पिता के साथ रहना नहीं चाहती थी. उसने हेमंत से अलग घर लेने के लिए कहा जिसके लिए वह तैयार नहीं हुआ. दोनों के बीच झगड़े होने लगे. जिसके बाद सुनीता अपने मायके चली गई। इसके बाद उसने अदालत में तलाक और भरण-पोषण के लिए मामला दर्ज किया.
अदालत ने हेमंत को हर महीने सुनीता को 3,500 रुपये भरण-पोषण के लिए देने का आदेश दिया लेकिन हेमंत ने उसे एक रुपया नहीं दिया. जिसकी वजह से यह रकम 95,500 रुपये हो गई है. सुनीता ने रकम पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसे फिर से पैसे देने का आदेश दिया गया. जब उसने ऐसा नहीं किया तो अदालत ने उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया.
पुलिस वारंट लेकर हेमंत के घर पहुंची मगर वह घर पर नहीं था. पुलिसवालों ने उसके परिजनों को थाने आने के लिए कहा. अगले दिन हेमंत के दोस्त उसके घर पहुंचे. जिसके बाद वह उसे कंधे पर बैठाकर, फूलों की माला पहनाकर, नाचते-गाते हुए थाने पहुंचे. हेमंत ने अपने परिजनों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया.
पुलिस ने हेमंत को अदातल के सामने पेश किया. जहां से उसे 270 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है. सजा सुनने के बाद दुखी होने की बजाए वह खुश नजर आया. हेमंत का कहना है कि उसे जेल जाना मंजूर है लेकिन सुनीता को एक रुपया देना नहीं. उसका कहना है कि सुनीता ने उसे और उसके माता-पिता को काफी मानसिक प्रताड़ना दी है और वह उससे ज्यादा कमाती है.