अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल से एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां 20 वर्षीय युवक की मौत ब्लड के अभाव में हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि उन्होंने बार-बार अस्पताल प्रबंधन से ए पॉजिटिव ब्लड की गुहार लगाई, लेकिन समय पर रक्त न मिलने से युवक ने दम तोड़ दिया।

मामला गोहपारू निवासी राहुल पनिका (उम्र 20 वर्ष) का है, जिसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया था। डॉक्टरों ने उसे तत्काल ए पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने की सलाह दी थी, लेकिन परिजनों का कहना है कि उन्होंने ब्लड के इंतजार में अस्पताल के चक्कर लगाए, बावजूद इसके समय रहते रक्त की व्यवस्था नहीं हो सकी।

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परिजनों के अनुसार, राहुल को कल सुबह भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने कहा कि ब्लड की जरूरत है। हमने ब्लड बैंक और डोनर से संपर्क किया, लेकिन अस्पताल की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई। आखिरकार ब्लड न मिलने से उसकी सांसें थम गईं। युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में शव रखकर मौन विरोध जताया। लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही और मानवता की अनदेखी के आरोप लगाए। कुछ देर बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।

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वहीं जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. शिल्पी सराफ का कहना है कि युवक गंभीर अवस्था में लाया गया था और उसकी मौत ब्लड की कमी से नहीं हुई। उन्होंने कहा कि राहुल को ब्लड चढ़ाने की तैयारी थी, लेकिन तब तक उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर हो चुकी थी। ब्लड अरेंज होने में थोड़ा समय लगा और इसी बीच उसकी मौत हो गई। इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहडोल जैसे संभागीय मुख्यालय में अगर एक युवक ब्लड के इंतजार में दम तोड़ देता है, तो यह न केवल स्वास्थ्य तंत्र की विफलता है बल्कि मानवता पर एक करारा प्रहार भी है।

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