रोहित कश्यप, मुंगेली। 12 लाख रुपए की लूट के जिस मामले को लेकर पुलिस पिछले 40 दिनों से जांच कर रही थी, पता चला कि वह प्रार्थी के शराब के नशे में बनाई गई महज एक कहानी के अलावा कुछ नहीं है. एक झूठ को छिपाने के लिए उसने सैकड़ों बार झूठ बोला और जब सच सामने आया तो शपथ पत्र देकर अपना गुनाह कबूल किया.

मामला 20 जून 2020 का है. फास्टरपुर थाना क्षेत्र के जुझारभाटा निवासी मंडी एजेंट आशीष दुबे ने सिटी कोतवाली पुलिस में 11 लाख 70 हजार रुपये लूट होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस सूचना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था. घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी डी श्रवण ने एएसपी और एसडीओपी के नेतृत्व में टीम गठित किया, जो लगातार विवेचना कर रही थी. जांच के दौरान साइबर सेल की मदद से तकनीकी जानकारी लेकर सैकड़ों लोगों से पूछताछ और तस्दीक की गई. यहां तक लूट व चोरी के पुराने आरोपियों तथा जेल से छूटे बंदियों से भी पूछताछ की गई. तमाम सबूतों के आधार पर पुलिस टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची कि लूट की घटना फर्जी है.

आरोपी आशीष दुबे

पुलिस विवेचना में जो बात सामने आई, उसमें प्रार्थी द्वारा घटना की रिपोर्ट तीन-चार घंटे बाद दर्ज कराए जाने, घटना के दौरान प्रार्थी ने अपने साथ मारपीट करना बताया था, जबकि उसे कोई चोट नहीं लगी थी, और न ही उसके कपड़े पर कोई धूल या मिट्टी लगी थी.  मिट्लटी  लगा था साथ ही प्रार्थी के कपड़े में कोई धूल या मिट्टी नहीं लगा था. इसके अलावा प्रार्थी ने घटना के समय अंधेरा होना बताया था, जबकि घटना के समय शाम 7 बजे अंधेरा नहीं था. वहीं प्रार्थी के मुनीम व वर्करों ने बताया कि ऑफिस बंद करते समय प्रार्थी ने साथ में कोई बैग नहीं रखा था. इसके साथ ही तस्दीक करने पर ऑफिस में रखे बैग में 1,46,000 रुपए भी मिल गया था.

आखिर में प्रार्थी आशीष दुबे और उसके जीजा प्रशांत दीक्षित से उक्त विरोधाभास के संबंध में पूछताछ करने पर आशीष दुबे ने बताया कि उस दिन वह शराब के नशे में था, और पैसा को साथ लेकर नहीं गया था. उसके साथ कोई लूट की उस दिन घटना नहीं हुई है. उसने इस बात को बाकायदा शपथ पत्र में लिखकर दिया. मामले के स्पष्ट होने के बाद अब SDOP तेजराम पटेल का कहना है कि न्यायालय में मामले को खारिज करने गुहार लगाई जाएगी. जिसके बाद प्रार्थी के खिलाफ झूठा रिपोर्ट दर्ज कराने के मामले में अपराध दर्ज किया जाएगा.