पवन राय, मंडला। आज के युग में राजनेताओं का आचरण आध्यात्मिकता से अनुप्रमाणित हो और आध्यात्मिक प्रशिक्षण की अपेक्षा प्रतीत होती है। ‘यथा राजा तथा प्रजा’ केवल लोकोक्ति नहीं है यह यथार्थ का दर्शन है। राजनेताओं के आचरण और व्यवहार का पूरे देश पर प्रभाव पड़ता है। संपूर्ण देश पर उनका अशोभनीय व्यवहार लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए घातक है। यह बात जैन धर्मगुरु मुनिश्री सुधाकर जी महाराज ने कही है। वहीं संसद भवन में घटी घटना पर उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के मंदिर का अपमान है। ऐसे सांसदों को अवश्य संसदीय प्रणाली के माध्यम से चेतना चाहिए जिससे कि ऐसी घटनाएं पुनः घटित ना हो।

जैन मुनि सुधाकर जी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजनीति के लिए धर्म का उपयोग नहीं होना चाहिए। मंदिर मंदिर मस्जिद मस्जिद आज राजनीति के लिए खेल और खिलौना बन रहे हैं। धर्म उच्च कोटि की साधना है। धार्मिक मान्यताओं उपासनाओं से ज्यादा संप्रदाय को महत्व देना खतरा है। आचार्य तुलसी ने कहा था ‘इंसान पहले इंसान फिर हिंदू या मुसलमान’ मानव धर्म एवं इंसानियत से बड़ा दुनिया में कोई धर्म नहीं है। अल्पसंख्यक एवं बहुसंख्यक वाद की राजनीति समाज को बांटने का कुचक्र है। धार्मिक नेताओं को भी धार्मिक सहिषुणता का परिचय देना चाहिए। धार्मिक सहिषुणता, अखंड भारत की पहचान है। हमें अपने वासुदेव कुटुंब के आदर्श को नहीं भूलना चाहिए।

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राजनेताओं को राजनीति करने की अपेक्षा उनके मार्ग पर चलना चाहिए

उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से चुनावी विजय के लिए धर्म और संप्रदायवाद से जो खिलवाड़ किया जा रहा है, आने वाले समय में उनसे होने वाले दुष्परिणामों को हमें नहीं भूलना चाहिए। हाल ही में हुए संसद में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के बयान पर मुनिश्री ने कहा कि राजनीति करने की अपेक्षा राजनेताओं को उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए।

आतंकवाद और नक्सलवाद से भी ज्यादा घातक है नशा

वहीं मुनि श्री ने आगे कहा कि नशे का फैलता जाल, आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार से भी ज्यादा घातक है। आज युवा पीढ़ी नशीले पदार्थों की आदि बन चुकी है, जिससे परिवारों में शांति विषमता पनप रही है। घर घर हिंसा और अपराधी का भी मुख्य कारण नशा है। हमें युवा पीढ़ी को नशा मुक्ति की तरफ बढ़ाने के लिए सघन प्रयास करने होंगे। शासन और प्रशासन जब तक कड़े कदम नहीं उठाएगी, नशा मुक्ति का संकल्प सकार नहीं हो सकता। नशा नाश का द्वार है, नशे से आज हस्ती खेलती जिंदगी भी वीराने में बदल रही है, परिवार उजड़ रहे हैं।

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नशा मुक्ति यात्रा पर निकले हैं जैन मुनि सुधाकर जी

आपको बता दें कि जैन मुनि सुधाकर जी महाराज नशा मुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से यात्रा पर निकले हैं। जो मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। मंडला जिले में रविवार की सुबह यह यात्रा पुरवा से शुरू हुई और तिंदनी पहुंची। यहां पर जैन मुनि रात्रि विश्राम कर सुबह जबलपुर की ओर रवाना होंगे।

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