अभिषेक सेमर, तखतपुर. आम लोगों की जरूरत के मद्देनजर नगर पालिका तखतपुर ने एक करोड़ की लागत से सामुदायिक मंगल भवन का निर्माण कराया था, लेकिन एक करोड़ खर्च के बावजूद भी मंगल भवन का कार्य मूर्त रूप नहीं ले सका. इस मंगल भवन को मध्यम और गरीब तबका वर्ग के लोगों के लिए वैवाहिक कार्यक्रम और अन्य जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था, लेकिन देखते ही देखते मंगल भवन का बजट समय समय पर बड़ा आकार लेते हुए विकसित होते रहा, किंतु सालों बाद भी मोटी रकम खर्च होने के बाद भी अधूरा का अधूरा है.

मंगल भवन में जब नगर पालिका तखतपुर के करोड़ रुपए खर्च हो गए और आचार संहिता लगने का समय आया तो इस मंगल भवन का आनन फानन में उद्घाटन कर अधूरे स्थिति में ही जनता को समर्पित कर दिया गया. अधूरे कामकाज और अव्यवस्थाएं चीख-चीख कर अपनी दुहाई दे रही है, लेकिन सामुदायिक मंगल भवन अब लोगों के लिए अमंगल भवन और खंडहर बिल्डिंग का रूप ले चुका है. ना ही इस मंगल भवन में बिजली है न लाइट, पंखा, पानी, शौचालय और ना ही कोई व्यवस्था है और ना ही सुरक्षा के लिए कोई चौकीदार है, इसलिए यहां केवल सन्नाटा पसरा रहता है और अब मंगल भवन को विरान हवेली भी लोग कहने लगे हैं.

बता दें कि बिलासपुर जिले के तखतपुर नगर पालिका ने नया बस स्टैंड स्थित क्षेत्र के सरकारी भूमि को विकसित करने का निर्णय लिया और हर वर्ग के जरूरतों को ध्यान में रखकर सामुदायिक मंगल भवन निर्माण का प्लान तैयार किया. ठीक इसी प्लान के मद्देनजर नगर के अनेकों समाज को सामुदायिक भवन आबंटित कराया, जिससे लोगों की चहल कदमी होती रहे और लोगों के बीच मंगल भवन का माउथ पब्लिसिटी हो सके. ऐसा कुछ समय तक हुआ भी, लेकिन समय के बीतते देर नहीं लगा और ये सामुदायिक भवन खंडहर की भेंट चढ़ गया. मंगल भवन में शुरुआत के दिनों में जरूर कुछ बुकिंग आई होगी, लेकिन अब यहां मवेशी और सब्जी बाजार के कोचिया ही नजर आते हैं.

अब भी कार्यक्रमों के लिए मोटी रकम देकर निजी भवन ले रहे लोग

तखतपुर और ग्रामीण अंचल के लोगों को लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से सत्र 2018- 19 में निर्मित मंगल भवन से उनकी उम्मीद जागी थी. ग्रामीण क्षेत्रों के शादी ब्याह, बर्थडे, दशगात्र, तेरहवीं जैसे अन्य कार्यक्रमों के लिए निजी भवनों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा और कम खर्च में उससे भी अच्छा भवन उनको मिल सकेगा, लेकिन फिर एक बार हमेशा की तरह तखतपुरवासियों को निराशा हाथ लगी, क्योंकि ये भवन तो तैयार जरूर हुआ था, लेकिन कार्यक्रमों के लिए आज भी पूर्ण रूप से तैयार नहीं हो पाया है. इसके चलते आज भी निजी भवनों को अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर पालिका कितना गंभीर और लोगों की समस्या के लिए चिंतित है.

पूरे कैंपस में अव्यवस्था का आलम

यहां थोक सब्जी मंडी को वैकल्पिक व्यवस्था का हवाला देकर विस्थापित कर दिया गया है, जहां भवन का गार्डन या पार्किंग होना चाहिए था वहां थोक सब्जी दुकान लग रहा है. मुख्य द्वार में सब्जी व्यापारियों का काउंटर लग रहा है. पूरे कैंपस में अव्यवस्थाओं का आलम है. भवन के अंदर जाने से हॉरर मूवी वीराना का दृश्य नजर आता है. खंडहर नुमा इस भवन के बाथरूम में गंदगी पसरा हुआ है तो भवन के अधिकतर दीवारों में सीपेज और दरारें नजर आ रही है. यहां बाढ़ पीड़ित परिवार कुछ कमरों में निवास कर रहे.

सिख समाज लिख चुके पत्र फिर भी समस्या जस का तस

तखतपुर सिख समाज ने नगर पालिका द्वारा कराए गए सांस्कृतिक भवन निर्माण के बाद नगर पालिका को इस भवन के नामकरण के लिए आवेदन देकर इस भवन का नाम अपने गुरु गुरनानक देवजी के नाम से रखने की मांग रखी. इसके बाद नगर पालिका की पीआई सी व सामान्य सभा की बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर इस भवन का नामकरण गुरुनानक मंगल भवन के नाम किया गया, लेकिन आज समाज इस भवन की दुर्दशा देखकर काफी चिंतित है और कई बार नगर पालिका सहित जनप्रतिनिधियों को व्यवस्था बहाल करने के लिए पत्राचार कर चुके फिर भी भवन की हालत जस का तस बना हुआ है.

लोगों को जल्द मिलेगी सुविधा : सीएमओ

इस मामले में हाल ही में तखतपुर नगर पालिका सीएमओ के प्रभार मिले प्रशिक्षु आईएएस तन्मय खन्ना ने बताया कि इस संदर्भ में जानकारी नहीं है. मंगल भवन का जायजा लेकर उचित कार्यवाही की जाएगी. जल्द ही लोगो को उस भवन की सुविधा मिल सकेगी.

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