Mangal Dosh: ज्योतिष में मांगलिक दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है. इसे आमतौर पर वैवाहिक जीवन के लिए चुनौतीपूर्ण माना जाता है क्योंकि माना जाता है कि यह जीवनसाथी के साथ टकराव और तनाव ला सकता है. इसीलिए, कई बार सलाह दी जाती है कि मांगलिक व्यक्ति का विवाह दूसरे मांगलिक व्यक्ति से ही किया जाए.
लेकिन क्या हर मांगलिक दोष अशुभ होता है? जवाब है, नहीं! ज्योतिष में ऐसे कई अपवाद और उपाय बताए गए हैं जो इस दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं या पूरी तरह खत्म कर सकते हैं.
Also Read This: संकट से मुक्ति का अचूक उपाय, हनुमान जी दिलाएंगे बाधाओं से मुक्ति

Mangal Dosh
Mangal Dosh. अगर लड़का और लड़की दोनों की कुंडली में समान मांगलिक दोष हो, तो यह दोष आपस में निरस्त हो जाता है. इसी तरह, अगर मंगल अपनी ही राशि (मेष या वृश्चिक) में हो या गुरु जैसे शुभ ग्रह की दृष्टि में हो, तो इसका असर काफी हद तक कम हो जाता है.
दिलचस्प बात यह है कि कुछ मामलों में मंगल दोष व्यक्ति को साहसी, ऊर्जावान और निर्णायक बनाता है, जो उसके करियर और व्यक्तिगत विकास में मदद करता है.
Mangal Dosh. इसलिए, अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. सही ज्योतिषीय सलाह और उपाय से इसके प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है.
Also Read This: प्रसाद के बिना पूजा क्यों होती है अधूरी? जानिए इसके महत्व और बरकत का रहस्य
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें