Mangala Gauri Vrat: श्रावण मास में मां मंगला गौरी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ये व्रत करने से विवाह और वैवाहिक जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है. अगर कुंडली में मंगल दोष बाधा उत्पन्न कर रहा है तो इस दिन की पूजा अत्यधिक लाभदायी होती है. पति की लंबी आयु के लिए इस दिन शादीशुदा महिलाओं व्रत करती हैं. यह व्रत मंगलवार 25 जुलाई को पड़ने वाला है.

मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर शिवलिंग पर जल अर्पित करके इस व्रत का आरंभ करें. इसके बाद पति-पत्नी को साथ मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. पूजन के दौरान माता पार्वती को अक्षत, कुमकुम, फूल, फल, माला और सोलह श्रृंगार अर्पित करें. उसके बाद धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं.

कुंवारी कन्या है इस तरह करें उपाय

मंगला गौरी व्रत के दिन कुंवारी कन्याओं को दो मुट्ठी मसूर दाल को एक लाल कपड़े में बांधकर किसी जरूरतमंद या भिखारी को दान कर देना चाहिए. इस कुंडली में मंगल ग्रह शुभ बनता है.

यदि आपके विवाह में बार बार अड़चनें आ रही हों तो सावन ने हर मंगला गौरी व्रत के दिन मिट्टी के खाली पात्र को बहते पानी में प्रवाहित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

कुंवारी कन्याओं को वैवाहिक जीवन की मुश्किलों से मुक्ति पाने के लिए ज्योतिष अनुसार हर मंगला गौरी व्रत के दिन ‘ओम गौरी शंकराय नमः’ मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है. आप सावन के पूरे महीने में रोजाना भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं.

यदि किसी अविवाहित कन्या की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल विराजमान हो तो ज्योतिष अनुसार कन्या को हर मंगलवार के दिन रोटी बनाने से पहले तवे पर ठंडे पानी के छींटे मारकर फिर रोटी बनानी चाहिए.

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