संदीप सिंह ठाकुर,लोरमी। मुगेली जिले के लोरमी तहसील क्षेत्र में एक गांव ऐसा है, जहां की महिलाओं ने गांव में पूर्णरूप से शराबबंदी करने का संकल्प लिया है. अपने गांव को शराब और महिला हिंसा से मुक्त कराकर आदर्श गांव स्थापित करने के लिए महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है.

पूरा मामला सेमरसल गांव का है, जहां की महिलाओं की 7 अलग-अलग महिला समूह के सदस्यों को मिलाकर 70 महिलाओं की टीम बनाई गई है. जिनके द्वारा प्रतिदिन गांव में शराबबंदी को लेकर अभियान छेड़ दिया गया है. रैली में शामिल महिलाओं के द्वारा गांव के मुख्यमार्ग पर रैली निकालकर शराब और महिला हिंसा के विरोध में जमकर नारे भी लगाए जा रहे हैं. अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हांथ में डंडा लेकर लॉकडाउन के नियमों का पालन कर महिलाएं पैदल रैली निकाल रहे है. इस मौके पर गांव की महिलाएं शराबबंदी करने की अपील कर रही है.

समूह की महिला संध्या राजपूत का कहना है कि हमारे इस अभियान का असर तो हो रहा है, जहां कुछ लोग गांव में खुलेआम शराब बेचते थे उसमें रोक लगी है. लेकिन कुछ लोग चोरी छुपे शराब लाकर बेच रहे हैं. उन्होंने पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि पुलिस टीम की मदद मिले, तो गांव में पूर्णरूप से शराबबंदी हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को शराब के नशे की लत से दूर रखना इस अभियान का प्राथमिक लक्ष्य है.

इस जागरूकता रैली में लाउडस्पीकर के माध्यम से महिलाओं के द्वारा संगठित होकर लगातार लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है. समूह में जुड़े कुछ और महिलाओं का कहना है कि गांव में जो शराब की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही थी उससे महिलाओं को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा था और घरेलू हिंसा भी बढ़ रही थी. युवा पीढ़ी शराब की लत में आकर बिगड़ रहे थे, जिन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए शराबबंदी की दिशा में कार्य किया जा रहा है.

इस अभियान को लेकर तहसीलदार ऋचा सिंह ने कहा कि महिलाओं के द्वारा जो नशामुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वह बहुत ही सराहनीय और प्रेरक है. नशाखोरी समाज की एक बहुत ही बड़ी समस्या है. यह बहुत अच्छी पहल है. महिलाओं को इस अभियान में पुलिस प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद की जाएगी.