सत्या राजपूत, रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव का रविवार को भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के किसानों और आम नागरिकों को 1600 से अधिक आम प्रजातियों को देखने और जानने का अवसर मिला। महोत्सव में देशभर से आए आम उत्पादकों ने अपनी विविध किस्मों को प्रदर्शित किया, जिससे किसानों को उन्नत प्रजातियों की जानकारी मिली और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरणा भी।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी होने चाहिए ताकि वहां के किसान भी लाभान्वित हो सकें। उन्होंने बताया कि महोत्सव में बस्तर संभाग की 120 प्रजातियों सहित भारत के कई राज्यों की लोकप्रिय किस्में प्रदर्शित की गईं, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध आम परंपरा को उजागर करती हैं।

महोत्सव की अध्यक्षता कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के आयोजन में 427 से अधिक किस्मों के 1200 से अधिक आम प्रदर्शित किए गए, साथ ही 56 प्रकार के आम-आधारित व्यंजनों का भी प्रदर्शन हुआ। तीन दिनों में करीब 10,000 से अधिक लोगों ने मेले का अवलोकन किया और 50,000 पौधों की बिक्री हुई।

समारोह में प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व व खेल मंत्री टंकराम वर्मा, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सहित अन्य विशिष्ट अतिथि भी मौजूद रहे।

आम उत्पादन में विशिष्ट योगदान देने वाले किसानों को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर आम उत्पादन में विशिष्ट योगदान देने वाले प्रगतिशील कृषकों – सुरेश गुप्ता (सिलफिली, अंबिकापुर), तोरन लाल ध्रुव (बारूका, गरियाबंद) और सुरेश ठाकुर (चंदनीडीह, रायपुर) को सम्मानित किया गया।
महोत्सव ने जहां आम उत्पादकों को नवाचारों और बाजार से जोड़ने का मंच दिया, वहीं छत्तीसगढ़ को आम उत्पादन के क्षेत्र में नई दिशा देने की भी नींव रखी।
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