Jiribam Encounter: मणिपुर (Manipur) के जिरीबाम एनकाउंटर (जिरीबाम हत्याकांड) में मारे गए 11 कुकी उग्रवादियों (Kuki militant) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem report) में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उग्रवादियों को कई गोलियां मारी गई थी। इनमें से ज्यादातर को पीछे से गोली मारी गई थी। कई कथित उग्रवादियों की आंखें गायब थी। उनके शरीर पर गोलियों की चोटों के अलावा टॉर्चर के कोई अन्य निशान नहीं थे।
दरअसल मणिपुर पुलिस (Manipur Police) ने विगत 11 नवंबर 2024 को दावा किया था कि छद्म वर्दीधारी उग्रवादी अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर आए और सबसे पहले बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया। उसके बाद सशस्त्र उग्रवादियों ने जकुराधोर में स्थित सीआरपीएफ कैंप में हमला बोल दिया। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की और 11 कुकी उग्रवादियों को ढेर कर दिया।
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12 नवंबर को जिन शवों का पोस्टमार्टम किया गया, उनकी मौत का अनुमानित समय 24-36 घंटे पहले था, जबकि 14 नवंबर को आए शवों की मौत का अनुमानित समय 72-96 घंटे था। सभी शवों पर कई गोलियों के प्रवेश और निकास के निशान थे, यहां तक कि कुछ मृतकों के शरीर पर एक दर्जन से भी अधिक घाव थे।
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तीन डॉक्टरों के अलग-अलग सेटों द्वारा साइन की गई अटॉप्सी रिपोर्ट के अनुसार, गोलियां युवकों के सिर से लेकर पैर तक उनके शरीर के सभी हिस्सों में लगीं और उनमें से ज्यादातर को पीछे से गोली मारी गई। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि कुछ शवों से एक-एक आंख गायब थी। कुकी समुदाय के एक अग्रणी संगठन ने कहा है कि इन शवों का अंतिम संस्कार 5 दिसंबर को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में किया जाएगा।
नकली वर्दी में थे उग्रवादी
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि जब उन्हें असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसएमसीएच) में अटॉप्सी के लिए लाया गया था, तो उनमें से ज्यादातर नकली वर्दी और खाकी पोशाक में थे। दिलचस्प बात यह है कि कुछ शव अगले दिन 12 नवंबर को एसएमसीएच लाए गए, जबकि बाकी 14 नवंबर को अस्पताल पहुंचे जो सड़ने के शुरुआती चरण में थे।
बता दें कि मणिपुर के जिरीबाम हत्याकांड मामले में दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर सीएम बीरेन सिंह का बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि जिरीबाम जिले में हाल ही में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन कई लोगों की पहचान कर ली गई है।
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दरअसल 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के बाद जीरीबाम जिले में राहत शिविर से मेइतेई समुदाय की तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गए थे। मुठभेड़ में 11 उग्रवादी मारे गए थे। लापता छह लोगों के शव अगले दिन बरामद किए गए थे।
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