Manipur violence: राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद मणिपुर (Manipur) में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है. कांगपोकपी (Kangpokpi) जिले में शनिवार को मैतेई संगठन के शांति मार्च का विरोध करते हुए प्रर्दशनकारियों ने पथराव और आगजनी की. प्रर्दशनकारियों को खदेड़ने पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे कई लोग घायल हुए. हिंसक प्रदर्शन के दौरान पथराव भी किए गए, जिसमें कई लोग घायल हो गए.

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मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. मणिपुर की सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 मार्च से राज्य भर में मुक्त आवागमन का निर्देश जारी किया था. इसे लेकर अब विरोध शुरू हो गया है.

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केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश के खिलाफ शनिवार को सुरक्षा बलों ने मैतेई संगठन द्वारा आयोजित शांति मार्च का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान कई घायल हो गए. पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के बाद कहा कि इस दौरान प्रदर्शनकारी और सुरक्षाकर्मियों में झड़प हो गयी. इस दौरान पथराव किए गए, जिससे कई लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल से सेनापति जिले की ओर जा रही राज्य परिवहन बस को रोकने का प्रयास किया और कुछ निजी वाहनों में आग लगा दी.

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प्रदर्शनकारियों ने एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर राजमार्ग) पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के वाहनों की आवाजाही को रोकने की कोशिश की. मैतेई समाज द्वारा आयोजित शांति मार्च के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी (एफओसीएस) के तत्वावधान में हुआ. इस दौरान 10 से अधिक चार पहिया वाहनों में चल रहे शांति मार्च को कांगपोकपी जिले के रास्ते में सेकमाई में सुरक्षा बलों ने रोक दिया.

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मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने पहले कहा था कि उन्हें मार्च रोकने के लिए कहा गया है, क्योंकि उनके पास अनुमति नहीं थी. एक पुलिसकर्मी ने ने कहा कि वे लोग केवल आदेशों का पालन कर रहे हैं. लोगों को मार्च रोकने के लिए कहा गया था. अगर वे जाना चाहते हैं, तो वे सरकार द्वारा व्यवस्थित राज्य बसों में यात्रा कर सकते थे.

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मैतेई समुदाय ने निकाला मार्च

विरोध कर रहे मैतेई समुदाय के FOCS के सदस्यों ने पलटवार करते हुए कहा कि वे केवल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश का पालन कर रहे थे, जिसमें शनिवार से पूरे राज्य में मुक्त आवाजाही की अनुमति दी गई थी.

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