पटना। चर्चित यूट्यूबर और सामाजिक मुद्दों पर बेबाक राय रखने वाले मनीष कश्यप अब सक्रिय राजनीति में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की है कि वे 7 जुलाई 2025 को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल होंगे। इस खबर की पुष्टि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए की, जिसमें उन्होंने लिखा मैं जन सुराज के साथ नया बिहार बनाने का भागीदार बन रहा हूं। मनीष ने दो तस्वीरें साझा की हैं एक में वे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को भारतीय संविधान की प्रति भेंट करते नजर आ रहे हैं और दूसरी में दोनों साथ खड़े हैं। यह कदम बिहार की राजनीति में कई संकेत दे रहा है।

भाजपा से इस्तीफा

मनीष कश्यप अप्रैल 2024 में दिल्ली में सांसद मनोज तिवारी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी मां प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी प्रशंसक हैं, और यह उनके भाजपा में आने की एक बड़ी प्रेरणा थी।

हालांकि जून 2025 में उन्होंने भाजपा से अचानक इस्तीफा दे दिया। एक फेसबुक लाइव में उन्होंने कहा, मैं अपने आपको बचा न सका, ऐसे में दूसरों की कैसे सेवा कर सकता हूं? साथ ही उन्होंने यह आरोप लगाया कि पार्टी ने उन्हें कई मामलों में मजबूर किया और वह खुद को असहाय महसूस करने लगे थे।

विवादों से भी जुड़ा रहा नाम

मार्च 2023 में मनीष कश्यप का नाम उस वक्त चर्चा में आया जब तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर फर्जी वीडियो मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में मद्रास हाई कोर्ट से उन्हें ज़मानत मिल गई। इसके अलावा पटना मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से हुई झड़प का मामला भी उनकी सार्वजनिक छवि पर असर डाल चुका है।

जन सुराज को मिल सकता है चुनावी फायदा

प्रशांत किशोर द्वारा अक्टूबर 2024 में गठित जन सुराज पार्टी अब 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है। ऐसे में मनीष कश्यप की पार्टी में एंट्री को रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।

मनीष की सोशल मीडिया पर जबरदस्त पकड़ है, खासकर युवा वर्ग के बीच उनकी लोकप्रियता पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। जन सुराज पार्टी की कोशिश है कि वह बदलाव और नवविकास के एजेंडे के साथ बिहार की राजनीति में खुद को एक विकल्प के रूप में स्थापित करे।

बिहार चुनाव में बनेगा नया समीकरण?

मनीष कश्यप का यह कदम सिर्फ एक व्यक्ति के राजनीति में प्रवेश की बात नहीं है, बल्कि यह संकेत भी है कि बिहार की राजनीति अब नए विमर्श की ओर बढ़ रही है। मनीष जैसे प्रभावशाली युवाओं का राजनीति में आना जनता के बीच बदलाव की उम्मीद को और बल दे सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या मनीष कश्यप का यह कदम जन सुराज पार्टी को वास्तविक चुनावी बढ़त दिला पाएगा या यह सिर्फ एक सोशल मीडिया स्टंट बनकर रह जाएगा। लेकिन एक बात तो तय है कि बिहार की सियासत में हलचल जरूर तेज हो गई है।