पंजाब/नई दिल्ली। कांग्रेस ने 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. 30 स्टार प्रचारकों की सूची में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, हरीश चौधरी, नवजोत सिंह सिद्धू, चरणजीत सिंह चन्नी, अंबिका सोनी, मीरा कुमार, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा, अजय माकन और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा समेत अन्य नाम हैं, लेकिन आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी का नाम लिस्ट से गायब है, जिससे उनके समर्थक खासे नाराज हैं.

 

मनीष तिवारी के समर्थक खासे नाराज

पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी पार्टी में एक प्रमुख चेहरा हैं, जो जी -23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र में हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक थे. सूत्रों ने कहा कि पंजाब में 40 प्रतिशत हिंदू आबादी और उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में प्रवासियों के साथ मनीष तिवारी एक आदर्श विकल्प होते, क्योंकि वह न केवल हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश में अपनी जड़ों के कारण प्रवासियों के साथ भी तालमेल बिठाते हैं. आनंदपुर साहिब हमेशा से सिख धर्म का गढ़ रहा है और 2014 में पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी के असफल होने के बाद मनीष तिवारी ने 2019 में सीट जीती थी.

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उनके समर्थक उनके स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर होने से खफा हैं और कह रहे हैं कि वे राज्य से लोकसभा के लिए चुने जाने वाले एकमात्र हिंदू नेता हैं, तिवारी की अनदेखी कर पार्टी क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है. जब उनसे संपर्क किया गया, तो मनीष तिवारी ने कहा कि उनसे सवाल पूछे जाएं, जिन्होंने सूची तैयार की है. हालांकि, पार्टी ने सूची में कई गैर-सिख नेताओं के नाम शामिल किए हैं, जैसे आनंद शर्मा, (जो जी -23 के सदस्य भी थे) और अंबिका सोनी, सुनील जाखड़, भूपिंदर सिंह हुड्डा, अशोक गहलोत, रणदीप सिंह सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, सचिन पायलट और कुमारी शैलजा जैसे अन्य. उनके समर्थक इस बात से नाराज हैं कि अमृता धवन, नेट्टा डिजौसा और अन्य का नाम भी सूची में है, जबकि मनीष तिवारी को जानबूझकर बाहर रखा गया है.

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कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी होने की मिली सजा !

सूत्रों ने कहा कि मनीष तिवारी को पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है, जो कांग्रेस द्वारा स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम नहीं लेने का एक कारण हो सकता है. यह विवाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 6 फरवरी को लुधियाना के दौरे से ठीक पहले शुरू हुआ, जहां उनके पंजाब में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के सीएम चेहरे की घोषणा करने की संभावना है. 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 20 फरवरी को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.