पटना। बिहार में इस बार हुए चुनाव में राजद को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव परिणाम आने के बाद से महा गठबंधन और राजद के नेताओं ने चुनाव आयोग और भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाएं है । राजद ने आज अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जिसमें लिखा कि भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एक सार्वजनिक मंच से चुनावी प्रक्रिया को लेकर दावा किया कि चुनाव नतीजों में हेरा-फेरी, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और प्रशासनिक सहयोग से जीत का शाही फॉर्मूला अपनाया गया।

टिकारी विधानसभा चुनाव का उदाहरण

मांझी ने 2020 के टिकारी विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि उनकी पार्टी को 2700 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन इसके बावजूद चुनावी प्रबंधन और प्रशासनिक सहयोग से परिणाम अपने पक्ष में करवाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय बिहार में डेप्युटेशन पर पदस्थापित एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवैधानिक मर्यादाओं की अनदेखी करते हुए अनैतिक रूप से सहयोग किया।

2025 चुनाव और बदली परिस्थिति

केंद्रीय मंत्री ने 2025 के विधानसभा चुनाव में टिकारी सीट से हार को लेकर असंतोष जताया और कहा कि इस बार पहले जैसा परिदृश्य दोहराया नहीं जा सका। उनके अनुसार इससे जुड़े अधिकारी भी अब हाशिये पर हैं।

लोकतंत्र और चुनाव आयोग पर सवाल

मांझी के इन बयानों के बाद चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कथित रूप से सत्ता के प्रभाव संसाधनों के दुरुपयोग और राजनीतिक रणनीतियों के जरिए विरोधी नेताओं को कमजोर करने का प्रयास किया गया।