पटना। बिहार की राजनीति में जीतन राम मांझी के राज्यसभा सीट को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि जीतन राम मांझी कहीं नहीं जाने वाले हैं। उन्होंने दावा किया कि यह पूरी तरह से प्रेशर पॉलिटिक्स है ताकि भाजपा उन्हें अहमियत दे। राजेश राम ने कहा कि भाजपा ने वोटों की जोड़-तोड़ कर उन्हें तीन सीटें दिलवाई हैं और अब दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा ये चोर-चोर मौसेरे भाई हैं। मैं गारंटी के साथ कहता हूं कि राज्यसभा की सीट न मिलने पर भी मांझी एनडीए नहीं छोड़ेंगे।

मनरेगा के नाम बदलने पर कांग्रेस का विरोध

मनरेगा के नाम बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार को घेरा। राजेश राम ने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने मजदूरों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देने के लिए मनरेगा लागू किया था लेकिन मोदी सरकार इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि मनरेगा को खत्म करने के पीछे गांधी की विचारधारा को खत्म करने की साजिश है।

गांधी बनाम गोडसे की राजनीति का आरोप

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि मनरेगा ने गांवों को ताकत दी और मजदूरों को आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 के बाद आई सरकार रोजगार के प्रति असंवेदनशील है और देश के संसाधन पूंजीपतियों को सौंप रही है। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि भाजपा-आरएसएस का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा और मौजूदा सरकार गांधी के बजाय गोडसे की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है।