Manmohan Singh Unfulfilled Wish: अपने आर्थिक सुधारों के दम पर भारत की अर्थव्यवस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने वाले पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे। 26 दिसंबर देर रात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Manmohan Singh) का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। पूर्व पीएम लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था।हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए डॉ.मनमोहन सिंह ने कई बड़े फैसले लिए थे। इन फैसलों का असर आज भी देश पर होता है। हालांकि उनके जीवन की कुछ इच्छाएं भी थी, जो कभी पूरी न हो सकी। मनमोहन सिंह को इसका हमेशा अफोसस रहा। मनमोहन सिंह की उस इच्छा का जिक्र कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने अपने एक इंटरव्यू में किया था। जानिए, उन्हें किस बात का मलाल रहा।
एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने मनमोहन सिंह की इच्छा का खुलासा करते हुए कहा था, विदेश में नौकरी करते हुए मनमोहन सिंह अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ रावलपिंडी गए थे। अपनी उस यात्रा के दौरान वो उस गुरुद्वारे भी गए जहां वो अक्सर बैसाखी के दिन जाया करते थे, लेकिन वो अपने गांव नहीं जा पाए थे।
मनमोहन सिंह काफी छोटे थे जब उनकी मां का निधन हुआ। उन परवरिश दादा ने की, लेकिन एक दंगे में दादा की हत्या हो गई। इस घटना ने मनमोहन सिंह के मन पर गहरी छाप छोड़ी। इस घटना के बाद वो पेशावर में अपने पिता के पास वापस लौट गए। भारत विभाजन के वक्त वो हाई स्कूल में जब पाकिस्तान को छोड़कर पिता के साथ भारत आना पड़ा।
राजीव शुक्ला के मुताबिक, भारत में प्रधानमंत्री रहते हुए वो एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे। अपने उस गांव को देखना चाहते थे जहां वो पले बढ़े। उस स्कूल को देखना चाहते थे जहां से उन्होंने शुरुआती शिक्षा ली थी। एक बार मैं उनके साथ पीएम हाउस में बैठा था। वहीं बातचीत के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा पाकिस्तान जाने का बड़ा मन है। जब मैंने उनसे पूछा वहां कहां, तो उन्होंने कहा कि मैं अपने गांव जाना चाहता हूंं।
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कक्षा 4 तक पढ़े, जिस स्कूल में पढ़े उसे देखना चाहते थे
जब राजीव शुक्ला ने उनसे पूछा कि क्या वो अपने पुश्तैनी घर को देखना चाहते हैं तो मनमोहन सिंह का जवाब था, मेरा घर तो बहुत पहले खत्म हो गया। अब उस स्कूल को देखने की तमन्ना है, जहां मैं कक्षा 4 तक पढ़ा था।
हालांकि, कभी ऐसा संयोग नहीं बन पाया कि वो अपने उस स्कूल को देख सकें जहां उन्हें शुरुआती तालीम मिली थी, लेकिन पाकिस्तान के गाह गांव के जिस स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की उसे अब मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज स्कूल के नाम से जरूर जाना जाता है।
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