विक्रम मिश्र, लखनऊ। आज से 11 साल पहले का ऑर्डिनेंस बिल तो आपको याद ही होगा अगर नहीं तो लल्लूराम डॉटकॉम आपको बताता है। जब साल 2013 में संप्रग सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। तब उनकी कैबिनेट ने एक बिल पास किया था। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले को निष्क्रिय करके, जनप्रतिनिधियों पर केस दर्ज होने की स्थिति में उनकी सदस्यता जाएगी के फैसले को पलटने का प्रयास किया गया था। जिसे तत्कालीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक सभा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाथों से उस बिल को फाड़ दिया था और भरे मंच से उन्हें नॉनसेंस कहा था।
मोंटेक सिंह ने अपनी किताब में किया था खुलासा
राहुल गांधी की इस हरकत से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मन बहुत खिन्न हो गया था और उन्होंने इस्तीफा देने तक का मन बना लिया था। उस समय योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने अपनी किताब बेकस्टेज द स्टोरी बिहाइंड इंडियाज हाई ग्रोथ ईयर्स में खुद इसका खुलासा किया था।
आपको बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। पूर्व पीएम के निधन पर भी सियासत तेज़ हो गई है। मायावती से लेकर हर दल के नेता उनकी समाधि और स्मारक बनाने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने लगे है।
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बताया है कि मोदी सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि और स्मारक के साथ एक फाउंडेशन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसके लिए भूमि स्थानांतरण कार्य के लिए अब मसौदा तैयार किया जा रहा है।