चंडीगढ़. पंजाब की भगवंत मान सरकार ने खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ देश की सबसे बड़ी मुहिम शुरू कर दी है, जिससे हर पंजाबी को यह भरोसा हो रहा है कि उनकी सरकार उनकी सेहत के लिए पूरी इमानदारी और मेहनत से काम कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कर दिया है कि पंजाब में अब न तो स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता होगा और न ही मिलावटखोरों को बख्शा जाएगा। इस मुहिम के तहत मिलावटी और घटिया खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गई है।

आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने पिछले तीन सालों में खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। दूध, पनीर, देसी घी, मसाले, मिठाइयाँ, फास्ट फूड, फल और सब्जियों के हजारों नमूनों की जाँच की गई। जहाँ कहीं भी मिलावट या खराब गुणवत्ता पाई गई, वहाँ तुरंत कार्रवाई की गई। मिलावटी सामान जब्त कर नष्ट किया गया और दोषियों के खिलाफ कानूनी मामले दर्ज किए गए।

1000 से अधिक अनियमितताएँ पकड़ी गईं

सरकार की सतर्कता का नतीजा यह रहा कि पनीर के 2340 नमूनों की जाँच में 1000 से अधिक अनियमितताएँ पाई गईं। 5300 किलो से ज्यादा पनीर जब्त कर 4200 किलो नष्ट किया गया। इसी तरह, 2559 दूध के नमूनों में 700 घटिया पाए गए, और 4000 किलो दूध जब्त कर नष्ट किया गया। देसी घी, मसाले, मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों में अनियमितता पाए जाने पर भी त्वरित कार्रवाई की गई।

इस मुहिम को और प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने हर जिले में ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ मोबाइल लैब यूनिट तैनात की हैं, जो मौके पर ही जाँच करती हैं। खरड़ की स्टेट फूड टेस्टिंग लैब, मोहाली की बायोटेक्नोलॉजी इन्क्यूबेटर और लुधियाना की वेटरनरी यूनिवर्सिटी जैसी संस्थाएँ इस मिशन को तकनीकी सहायता दे रही हैं।

पंजाब देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने बच्चों को बेचे जाने वाले एनर्जी ड्रिंक्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही, 500 से अधिक जागरूकता शिविर, 150 से ज्यादा ‘ईट राइट इंडिया’ प्रमाणित स्ट्रीट फूड हब और स्वच्छ कैंपस जैसे कदमों से सरकार ने न केवल कानून लागू किया, बल्कि लोगों की सोच और आदतों में बदलाव लाने की कोशिश भी की है।