संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के द्वारा राज्यसभा से किए गए वॉकआउट के बाद राजद सांसद प्रो. मनोज झा ने बेहद तीखा बयान दिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग दोनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह चोरी नहीं, लोकतंत्र की डकैती है और इसमें “शरीक-ए-गुनाह” के रूप में चुनाव आयोग की भूमिका सबसे संदिग्ध है।

मनोज झा का तीखा हमला

राज्यसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए मनोज झा ने कहा कि हम इसे चोरी कहकर बहुत मासूम बन रहे हैं। ये चोरी नहीं, ये डकैती है। और इस डकैती में चुनाव आयोग पूरी तरह शरीक-ए-गुनाह है। शीर्ष पर जो दो लोग हैं, वे भी इस पूरे षड्यंत्र के जिम्मेदार हैं। हालांकि उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की ओर माना जा रहा है।

क्या है मामला?

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली, SIR (Special Electors Revision) प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल, और लोकतांत्रिक संस्थानों के दुरुपयोग के मुद्दे को लेकर सदन से वॉकआउट किया। RJD समेत कांग्रेस, TMC, DMK, AAP और अन्य INDIA गठबंधन दलों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की, लेकिन जवाब न मिलने पर विरोधस्वरूप सदन छोड़ दिया।

चुनाव आयोग पर बार-बार उठ रहे सवाल

विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और वोटर लिस्ट से जानबूझकर कुछ वर्गों के मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं। हाल ही में बिहार, दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में SIR प्रक्रिया को लेकर विरोध हो रहा है।

संविधान की आत्मा को घायल किया जा रहा है

मनोज झा ने कहा कि यह सिर्फ एक तकनीकी मुद्दा नहीं है। यह उस आत्मा को जख्मी करने का प्रयास है, जिसे बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में गढ़ा था। अगर मत देने का अधिकार ही छीन लिया गया तो फिर लोकतंत्र का क्या मतलब रह जाएगा?