नितिन नामदेव, रायपुर। रंगमंच और बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पद्मश्री मनोज जोशी रविवार को रंग संस्कार महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होने के लिये राजधानी रायपुर पहुंचे है। इस अवसर पर लल्लूराम डॉट कॉम ने उनसे खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने राज्य, नक्सलवाद, सिनेमा और ओटीटी पर अपनी बेबाक राय रखी।

मनोज जोशी ने की छत्तीसगढ़ की तारीफ
चर्चा के दौरान अभिनेता मनोज जोशी ने छत्तीसगढ़ को “बहुत अच्छा और साफ-सुथरा राज्य” बताया। उन्होंने कहा, “यह धान का कटोरा है, मैं जितनी बार यहां आया हूं, बहुत अच्छा अनुभव रहा है।” नक्सलवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “अब यह धीरे-धीरे शून्य की ओर बढ़ रहा है।”
ऑपरेशन सिंदूर पर कहा – “भारत ने चुन-चुन कर ठोका”
पहलगाम घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता मनोज जोशी ने कहा, “जिसने हमारी माताओं और बहनों का सिंदूर उजाड़ा, उसका प्रतिशोध भारत ने सही तरीके से लिया। घर में घुसकर ठोका। यह नया भारत है। मैं तीनों सेनाओं को दिल से धन्यवाद देता हूं और प्रधानमंत्री मोदी का आभार प्रकट करता हूं। ऑपरेशन सिंदूर कारगर रहा और जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होगा, यह जारी रहेगा।”
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सवाल उठाए
अभिनेता मनोज जोशी ने ओटीटी कंटेंट पर चिंता जाहिर की और कहा कि, “जिसे शील और अश्लील में फर्क नहीं पता, वह कलाकार नहीं हो सकता। कुछ लोग कहते हैं ओटीटी एक ‘कचरा पेटी’ है, लेकिन एक पेटी पूरा शहर नहीं हो सकता।” उन्होंने आगे कहा, “OTT में गाली, गंदगी और सेक्स को बेवजह परोसा जा रहा है, इसका समाज पर क्या असर पड़ेगा, इस पर कोई सोचता नहीं।”
फिल्मों और थिएटर पर विचार
अभिनेता मनोज जोशी ने खुद को “हिंदी फिल्म अभिनेता” कहलाना पसंद किया और “बॉलीवुड” शब्द पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अगर मौका मिलेगा तो वे छत्तीसगढ़ी फिल्म भी जरूर करेंगे। उनकी पसंदीदा छत्तीसगढ़ी फिल्म “भूलन कांदा” है। जोशी ने कहा कि “हर 10 साल में विचार और लिखने का तरीका बदल जाता है। ह्यूमर लिखने वाले लेखक अब बहुत कम बचे हैं।”
चाणक्य का किरदार रहा सबसे प्रभावी
मनोज जोशी ने कहा कि “फिल्मों में 160 से ज्यादा रोल किए हैं लेकिन ‘चाणक्य’ का किरदार मुझे सबसे ज्यादा झकझोर गया।” उन्होंने यह रोल “सम्राट अशोक” और थिएटर नाटकों में निभाया है।
फिर हेरा फेरी, भूल भुलैया जैसी फिल्मों में शानदार एक्टिंग से किरदारों को बनाया यादगार

14 दिसंबर 1965 को जन्मे मनोज जोशी गुजराती, मराठी और हिंदी रंगमंच के जाने-माने और प्रतिष्ठित अभिनेता माने जाते हैं। उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत 1998 में आमिर खान की फिल्म सरफरोश से की, जिसमें उन्होंने बाला ठाकुर की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने हंगामा, हलचल, दे दनादन, क्योंकि, खट्टा मीठा, भागमभाग, चुप चुप के, फुटपाथ, आन और पेज-3, भूल भुलैया, फिर हेरा फेरी जैसी कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया।
मनोज जोशी को दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है और 2018 में उन्हें क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के साथ पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया। आज भी वे हंगामा के इंस्पेक्टर वाघमारे, फिर हेराफेरी के कचरा सेठ और भागमभाग के मनुभाई गांधी जैसे किरदारों के लिए दर्शकों के बीच खास पहचान रखते हैं।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H