Manoj Kumar Biography : हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्माता निर्देशक मनोज कुमार का आज निधन हो गया। मनोज कुमार को लोग ‘भारत कुमार’ के नाम से जानते हैं। उनकी फिल्मों की बेजोड़ कहानी और दिल छू लेने वाले गाने आज भी सिने प्रेमियों को गुनगाने पर मजबूर कर देते है। बिना चीखे चिल्लाए और भारी भरकम डायलॉग के बगैर भी मनोज कुमार ने देशभक्ति फिल्मों में ऐसी छाप छोड़ी। जिसका मुकाबला आज तक कोई एक्टर-डायरेक्टर नहीं कर पाया। मनोज कुमार जितने शानदार अभिनेता थे, उसे कहीं ज्यादा काबिल निर्देशक थे। जिनकी फिल्मों में मास अपील, सोशल इस्सु के साथ-साथ समय के आगे की कई चीजे होती थी। जिसके कारण ही आज उनकी फिल्मों को कल्ट स्टेट्स प्राप्त है। आज हम आपको उनके करियर की कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने Harikrishna Giri Goswami को हिंदी सिनेमा का भारत कुमार बना दिया।
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शहीद ( 1965 ) : – शहीदे आजम भगत सिंह पर वैसों तो एक से बढ़कर एक फिल्में बनी है। जिसे लोगों ने काफी ज्यादा पसंद किया लेकिन साल 1965 में आई शहीद फिल्म की बात ही कुछ और है। भारत पाकिस्तान के बंटवारे के आग में मनोज खुद जले थे। इसी कारण फिल्म में उनका दर्द साफ झलकता है। जब वे मेरा रंग दे बसंती चोला… गाते है तो आप इमोशनल हो जाएंगे। इस फिल्म में भगत सिंह के किरदार को मनोज कुमार ने काफी संजीदगी से निभाया है। उस जमाने में न तो कोई वीएफएक्स और न ही स्लो मोशन वाली कोई तकनीक होती थी। इन सब के बावजूद शहीद हर मामले में जानदार फिल्म है। जिसे आपको जरूर देखना चाहिए।
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उपकार ( 1967 ) : – मनोज कुमार की शहीद फिल्म को देखकर पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री काफी ज्यादा इंप्रेस हुए। उन्होंने मनोज को ‘जय जवान जय किसान’ के नारे पर एक फिल्म बनाने को कही। जिसके बाद मनोज साहब ने उपकार बनाई। जिसके गाने मेरे देश की धरती … आज भी लोगों की दिलो में छाया रहते है। उपकार की कहानी ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। भारत के किसान को उन्होंने उपकार में बड़ी खूबसूरती के साथ पेश किया।साथ ही किसानों की मजबूरी और साहूकारों की बेईमानी को बेबाकी से दिखाया। जिसे सिनेप्रेमियों ने काफी ज्यादा पसंद किया।
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पूरब और पश्चिम ( 1970 ) :- उपकार की सफलता के बाद मनोज कुमार ने पूरब और पश्चिम नाम की फिल्म बनाई। जिसकी कहानी लोगों को काफी ज्यादा पसंद आई। फिल्म में सायरा बानो ने एक ऐसी युवती का रोल प्ले किया था। जिसे भारतीय होते हुए भी, भारतीय संस्कृति के बारे में कुछ भी पता नहीं होता। मनोज कुमार विदेश में जाकर भारतीय संस्कृति के बारे में उन्हे बताते है। 70 के दशक में मनोज साहब ने जो कुछ दिखाया, आज वही सबकुछ हो रहा है। भारत के लोग पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे है और यहां की कल्चर को भूल रहे है। जब जीरो दिया मेर भारत ने…. इसी फिल्म का गाना है।
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रोटी कपड़ा और मकान ( 1974 ) : – मनोज कुमार ने इस फिल्म में भारत के एक पढ़े लिखे बेरोजगार युवा का रोल प्ले किया था। देश में बढ़ रही बेरोजगारी और शिक्षा के बदलते स्वरूप को इस फिल्म में काफी अच्छे तरीके से दिखाया गया था। फिल्म के एक सीन में मनोज कहते है, ‘ शिक्षा को व्यापार बना दिया गया है, पढ़े लिखे ईमानदार लोगों की इस देश में जरूरत ही नहीं है” यह संवाद आज के टाइम में सटीक बैठता है। इस फिल्म का निर्देशन में भी उन्होंने ने ही किया था।

क्रांति ( 1981 ) : – साल 1981 में आई क्रांति मनोज कुमार के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म थी। जिसमें दिलीप कुमार ने उनके साथ स्क्रीन शेयर किया था। फिल्म के गाने, स्टोरी और दोनों एक्टर की अदायगी ने लोगों का दिल जीत लिया। इस फिल्म ने इंडियन बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। हेमा मालिनी, शशि कपूर जैसे दिग्गज इस फिल्म में नजर आए थे। जिंदगी की ना टूटे लड़ी … इसी फिल्म का गाना है।
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