रुपेश गुप्ता, रायपुर। कांग्रेस पार्टी की छत्तीसगढ़ ईकाई में यकायक आदिवासियों की पूछ-परख बढ़ गई है. कांग्रेस के कार्यक्रम में मंच पर आदिवासी नेता नज़र आने लगे हैं. प्रेस कांफ्रेस के लिए आदिवासी नेताओं को विशेष रुप से आमंत्रित किया जाने लगा है. बस्तर के आदिवासी नेता को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है.

सुत्र बताते हैं कि कांग्रेस में आदिवासियों को अचानक तरजीह मिलने की वजह आलाकमान है. आलाकमान के निर्देश पर अब प्रदेश में संगठन के कार्यक्रमों में आदिवासियों को खास जगह दी जा रही है. इस फैसले का रहस्य 24 मई को दिल्ली में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में छिपा है.


दरअसल, आदिवासी प्रद्रेश में कांग्रेस के आदिवासी नेता अपनी उपेक्षा से आहत थे.  दिल्ली में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जब आदिवासी नेताओं की 24 मई को मीटिंग ली तो उन्होंने आदिवासी नेताओं से खुलकर अपनी बात रखने को कहा. छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेताओं ने संगठित में उचित जगह न मिलने का अपना दुखड़ा रोया।

सूत्रों के अनुसार आदिवासी नेताओ ने बताया कि प्रदेश में सबसे बड़ी संख्या आदिवासियों की है लेकिन उनमे नाराज़गी बढ़ती जा रही है क्योंकि पार्टी में आदिवासियों को तरजीह नही दी जा रही है। एक नेता ने बोला कि इससे 2018 के चुनाव में आदिवासियों को साधने दिक्कत हो सकती है। खास तौर से बस्तर में, जहाँ बीजेपी खूब मेहनत कर रही है।

राहुल ने इस बात को गंभीरता से सुना। राहुल को नेताओ ने बताया कि राज्य में आदिवासियों का कोई चेहरा नही है जिसे सामने रखकर वोट मांगा जा सके।

राहुल गांधी ध्यान से आदिवासियों की बातें सुन रहे थे। उनकी दिलचस्पी देखकर एक आदिवासी नेता ने बताया कि पीसीसी में होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में आदिवासी नेताओ को जगह नहीं मिलती। प्रेस कांफ्रेंस में स्थानीय नेता ही मंच पर दिखते हैं। आदिवासी नेताओं ने कई और बातें राहुल गांधी को बताईं।

राहुल गांधी इस बात को लेकर नाराज़ हुए और पीसीसी को आवश्यक दिशा निर्देश इस संबंध में भिजवाए गए। राहुल गांधी की नाराजगी से जब प्रदेश कांग्रेस अवगत हुई तो उसने सख्त निर्देश संगठन के पदाधिकारियो को दिए। पहले उन्हें बाकी लोगों की तरह कार्यक्रम की जानकारी दी थी। लेकिन इस मुलाकात के बाद हर कार्यकम में आदिवासी नेताओ को

इसके बाद होने वाले कांग्रेस के आदिवासी नेताओ को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाने लगा। और मनोज मंडावी को आदिवासी विंग का उपाध्यक्ष बना दिया गया। ये आदिवासी चेहरे को आगे करने की कांग्रेस रणनीति का हिस्सा है।