विजय कुमार/जमुई। जिले के झाझा प्रखंड में मनरेगा योजनाओं से जुड़े एक बड़े विवाद ने तूल पकड़ लिया है। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ) सुशील कुमार पाठक पर जिले की 16 पंचायतों के मुखिया ने गंभीर आरोप लगाए हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। मुखिया प्रतिनिधियों का आरोप है कि पीओ सुशील कुमार पाठक योजनाओं को स्वीकृति देने के नाम पर अश्लील भाषा और गाली-गलौज करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि मनमाफिक राशि नहीं दी जाती तो पीओ खुलेआम कहते हैं जहां शिकायत करना है करो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

योजनाओं में वसूली का खेल

मुखिया नरेश विश्वकर्मा, प्रतीक शर्मा, विकास सिंह अतुल आनंद, बुधन यादव और अशोक यादव ने बताया कि पीओ द्वारा निजी खेत पोखरी योजना और निजी वृक्षारोपण योजना में प्रति लाभुक 5000 की वसूली की जाती है। अन्य योजनाओं में 2% स्वीकृति शुल्क और 10% अग्रिम कमीशन मांगा जाता है।
इन प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि पीओ पिछले 5 वर्षों से जिले में पदस्थापित हैं जबकि अन्य पीओ का ट्रांसफर हो चुका है। उन्होंने संदेह जताया कि जिले में प्रशासनिक संरक्षण मिलने के कारण अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

कई बार शिकायत, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं

मुखिया प्रतिनिधियों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार शिकायत की गई है, लेकिन हमेशा मामला दबा दिया गया। अब उन्होंने डीएम, सीएम, डिप्टी सीएम, ग्रामीण विकास सचिव और स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया है।

जांच कर कार्रवाई की बात

इस मामले में जमुई के उप विकास आयुक्त ने बयान दिया है कि आवेदन प्राप्त हुआ है और तत्काल जांच शुरू की जाएगी जिसके बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

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