Mantras and Colors Significance: धार्मिक मान्यताओं में मंत्रों को अपार शक्ति का स्रोत माना गया है. कहा जाता है कि मंत्र केवल ध्वनि नहीं, बल्कि ऊर्जा का प्रवाह होते हैं. यही वजह है कि जब मंत्रोच्चारण सही भाव और लय में किया जाता है, तो यह साधक के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है. कम ही लोग जानते हैं कि मंत्रों का गहरा संबंध रंगों से भी है. हर रंग एक विशेष ऊर्जा और ग्रह का प्रतीक है, और संबंधित मंत्र के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है. इसलिए कहा गया है कि मंत्र केवल उच्चारण से ही नहीं, बल्कि रंग और भाव के संगम से भी सिद्ध होते हैं.

उदाहरण के तौर पर, लाल रंग शक्ति, ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना जाता है. जब दुर्गा या मां काली के मंत्र लाल वस्त्र धारण करके जपे जाते हैं, तो उनका प्रभाव और तीव्र हो जाता है. इसी तरह पीला रंग ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है. विष्णु या गणपति मंत्र पीले वस्त्र पहनकर करने से विद्या और धन की प्राप्ति मानी जाती है.

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Mantras and Colors Significance

Mantras and Colors Significance

नीला रंग शांति और स्थिरता का द्योतक है. शनि देव के मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप नीले या काले वस्त्रों में अधिक फलदायी माना गया है. वहीं सफेद रंग पवित्रता और शांति का प्रतीक है, इसलिए देवी सरस्वती या शिव मंत्र सफेद वस्त्र धारण कर करने से मानसिक शुद्धि और एकाग्रता मिलती है.

Mantras and Colors Significance. शास्त्रों में वर्णन है कि जब साधक मंत्र, रंग और भावना को एक साथ जोड़ता है, तो यह त्रिवेणी साधना बन जाती है और साधना का प्रभाव बहुत अधिक दिखाई देता है. यही कारण है कि मंदिरों में देवताओं के अनुसार रंगों का विशेष ध्यान रखा जाता है.

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