हेल्दी रहने के लिए योग बेहद जरूरी है. शरीर को फिट रखने के साथ ही मन को शांत रखना बेहद जरूरी है. इसके लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में ज्ञान मुद्रा का अभ्यास जरूर शामिल करें. एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि सेहतमंद रहने के लिए आप योग और मुद्राओं की मदद ले सकते हैं. योग मुद्राएं हाथों की उंगलियों और अंगूठे से बनाई जाती है. इसके अभ्यास से आप कई समस्याओं से दूर रह सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे ज्ञान मुद्रा करने के फायदे, और ज्ञान मुद्रा करने का तरीका.

ज्ञान मुद्रा के फायदे

याद रखने की क्षमता हो बेहतर

याददाश्त को बेहतर करने के लिए ज्ञान मुद्रा फायदेमंद है. इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और ब्रेन तक ब्लड फ्लो आसानी से होता है. Read more – अंबानी परिवार की गणेश चतुर्थी पूजा में पहुंची Rekha, डॉर्क मरून कलर की साड़ी में लगी कयामत …

मन रहता है शांत

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई बहुत ज्यादा व्यस्त रहता है. अपने काम और घर सबकी जिम्मेदारी संभालते हुए हम बहुत थक जाते हैं, और मन में भी काफी उथल पुथल मची रहती है. लेकिन रोजाना ज्ञान मुद्रा करने से मन शांत होता है और आप किसी भी कार्य में आसानी से फोकस कर पाते हैं.

चिंता और तनाव करे दूर

चिंता और तनाव आज के समय में हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा ही बन गया है. सभी लोगों को किसी न किसी बात का तनाव रहता ही है और ऐसे में ज्ञान मुद्रा का अभ्यास आपको चिंता और तनाव से राहत दिलाता है. नींद नहीं आने की समस्या भी दूर होती है.

ब्लड सर्कुलेशन होता है अच्छा

ज्ञान मुद्रा से पिट्यूटी ग्लैंड प्रभावित होता है. इससे ब्लड सर्कूलेशन बढ़िया होता है, जिससे हार्मोन का स्तर बेहतर होता है.

पाचन तंत्र हो बेहतर

भाग दौड भरी जिंदगी में सभी का खान पान बहुत ज्यादा प्रभावित होता है. समय ओकर खाना पीना नहीं होने से पाचन तंत्र भी डिस्टर्ब हो जाता है. जब शरीर के सभी अंग एक्टिव होते हैं. पाचन तंत्र बढ़िया काम करता है. इसलिए प्रतिदिन ज्ञान मुद्रा करने से पाचन बेहतर होता है और इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है. Read More – Ganesh Chaturthi Recipe : बप्पा को लगाएं चॉकलेट मोदक का भोग, बप्पा हो जाएंगे खुश …

ज्ञान मुद्रा करने की विधि

  1. सबसे पहले समतल जगह पर योगा मैट बिछा लें. फिर आप उस जगह पर आराम से पद्मासन में बैठ जाएं. अब अपनी हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए घुटनों पर रखें.
  2. फिर तर्जनी अंगुली यानी पहली अंगुली को अंगूठे के छोर पर रखें. इस समय आप अन्य अंगुलियों सीधे रखें और आंखें बंद कर लें.
  3. इस मुद्रा को करते समय आंखें बंद रखें और गहरी लंबी सांस लें. इस दौरान आपको अपना ध्यान सांसों पर रखना है. इस मुद्रा का अभ्यास 15 से 30 मिनट तक कर सकते हैं.

कब करें मुद्रा का अभ्यास?

आप सुबह और शाम के वक्त ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं. इसे 30 मिनट तक करना चाहिए. इससे एकाग्रता बढ़ती है.