बिलासपुर.पुलिस की वर्दी का रौब इन दिनों प्रशिक्षु आईपीएस उदय किरण के सर चढ़कर बोल रहा है.साहब की दबंगई से अच्छे-अच्छे लोग पानी मांगने लगे हैं.साहब पर खाकी का रंग ऐसा चढ़ा है कि सामने चाहे कोई भी हो,सब बौने नजर आते हैं.पिछले एक सप्ताह से इनके कारनामे बिलासपुर शहर सहित पूरे प्रदेश की सोशल मीडिया में सुर्खियों में है.
आईये जरा विस्तार से इनके कड़क मिजाजी की चर्चा करें.करीब एक सप्ताह पहले जब सीएम डॉ रमन सिंह बिलासपुर के दौरे पर थे,तो उदय किरण ने स्वागत के लिये हेलीपेड पहुंचे सांसद लखनलाल साहू,संसदीय सचिव राजू सिंह क्षत्रीय सहित जिले के कई बड़े भाजपा नेताओं को अंदर घुसने नहीं दिया.ये सभी महानुभाव प्रशिक्षु आईपीएस के व्यवहार से सन्न रह गये.पत्रकारों से तो जैसे इनकी जातीय दुश्मनी हो गई हो. साहब ने अपने कैबिन से सभी कुर्सियां हटवा दी हैं और कोई भी पत्रकार या दूसरा आगंतुक इनसे मिलने जाता है,तो इनके सामने किसी को भी बैठने की इजाजत नहीं होती.इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार जब इनसे बाइट लेने जातें हैं,तब इनका जवाब होता है कि मैं तुम्हार नौकर नहीं हूं,जो तुमको बाइट देता फिरूं. ऐसी घटना एक नहीं बल्कि कई स्थानीय पत्रकारों के साथ हो चुकी है.
कल रात तो उदय किरण साहब ने हद ही कर दी.इन्होनें सरकंडा इलाके के दो भाजपा कार्यकर्ताओं अंकुश गुप्ता और निक्कू भंडारी को किसी मामले से जुड़ी जानकारी लेने के लिये बुलवाया और फिर कथित रुप से इनकी अपने बेल्ट से जमकर धुनाई कर दी. आज इन दोनों कार्यकर्ताओं ने विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान से आप बीती सुनाई,जिस पर दीवान आग बबूला हो गये और उन्होनें आईजी दीपांशु काबरा को तलब कर प्रशिक्षु आईपीएस के करतूतों पर जमकर खऱी खोटी सुनाई.उधर प्रेस क्लब अध्यक्ष तिलकराज सलूजा के नेतृत्व में भी पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल आई जी से मिला और पत्रकारों से लगातार हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायत की.आईजी ने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि वे शिकायत पर गंभीरता से ध्यान देंगे.