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कुमार इंदर, जबलपुर। नकली रेमडेसिविर मामले में पुलिस अभी तक सिटी अस्पताल के संचालक और मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह मोखा का मोबाइल तलाश नहीं कर पाई है। मोखा के मोबाइल में इस मामले से जुड़े कई और राज दफन होने की आशंका है।
वहीं न्यायालय से रिमांड लेने के बाद मोखा से पूछताछ कर रही जबलपुर पुलिस को कुछ खास जानकारी अभी तक हासिल नहीं हो पाई है। मोखा लगातार पुलिस को गुमराह करते आ रहा है। हालांकि मोखा ने यह जरुर कबूला है कि जब उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन के नकली होने और मरीजों को रिएक्शन होने की जानकारी मिली तभी उसने इंजेक्शन नष्ट कर दिये।
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मोखा का कहना है कि उसके मैनेजर देवेश चौरसिया ने ही सपन जैन से नकली इंजेक्शन की डील की थी और उसी ने इंजेक्शन मंगवाया है। जबकि पुलिस की जांच में यह बात निकल कर सामने आई थी कि इंजेक्शन मंगाने के लिए हरकरण मोखा ने ही नकली आईडी उपलब्ध कराई थी।
उधर हरकरण मोखा की आज पुलिस रिमांड समाप्त हो रही है। पुलिस हरकरण से और पूछताछ के लिए न्यायालय से उसकी रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है। आपको बता दें हरकरण मोखा 24 मई को कोर्ट परिसर में फिल्मी स्टाइल से गिरफ्तार हुआ था। हरकरण कोर्ट में आत्म समर्पण करने पहुंचा था लेकिन पुलिस ने उसे न्यायालय परिसर में ही दबोच लिया था। गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने हरकरण को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए 3 दिन की रिमांड पर ले लिया था।
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