भोपाल। रूस की सेनाओं ने यूक्रेन पर बड़ा सैन्य हमला बोल दिया है. जिस कारण तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. अब यूक्रेन में बर्बादी का टेंशन मध्यप्रदेश में भी हो गया है, क्योंकि एमपी के बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं वहां फंसे हुए हैं. मप्र सीएम हेल्पलाइन में बीती रात तक 46 स्टूडेंट ने शिकायत दर्ज कराई है. बच्चे और उनके परिजन यूक्रेन से वापस भारत लाने की गुहार लगा रहे हैं. यूक्रेन में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. यूक्रेन में चल रही युद्ध की वजह से अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.

जिंदगी की जंग हारा गौरव: बोरवेल में गिरने से 4 साल के मासूम की मौत, 18 घंटे दिन-रात चला रेस्क्यू ऑपरेशन

सीएम हेल्पलाइन में 46 शिकायत दर्ज

सीएम हेल्प लाइन में दर्ज शिकायत के मुताबिक भोपाल के सबसे अधिक 9, इंदौर के 3, धार 4, उज्जैन 4, देवास 4, रायसेन 3, सिहोर 2, बड़वानी 2, और जबलपुर, छिन्दवाड़ा, मुरेना, नर्मदापुरम. डिंडोरी, ग्वालियर, टीकमगढ़, छतरपुर, खरगोन, झाबुआ, बड़वानी, सागर, बालाघाट, रतलाम, बुरहानपुर से 1-1 सूचनाएं दर्ज हुई हैं. सभी स्टूडेंट अभी यूक्रेन में सुरक्षित हैं. उन्हें यूक्रेन में भारतीय दूतावास के सतत सम्पर्क में रहने की समझाईश दी गई है. मौजूदा हालात में यूक्रेन से सभी हवाई और समुद्रीय यातायात पूरी तरह से बंद है.

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की 3 छात्राएं भी यूक्रेन में फंसी हुई है. यूक्रेन के हालात को देखते हुए तीनों ही बच्चों के माता-पिता बेहद चिंतित है. लिहाजा तीनों छात्राओं के माता-पिता ने जबलपुर सांसद राकेश सिंह से फोन पर बातचीत की. उनको सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई. सांसद राकेश सिंह ने विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन से तत्काल बात करते हुए तीनों छात्राओं को सकुशल घर वापस लाने की चर्चा की. सांसद राकेश सिंह ने कहा कि उन्होंने खुद तीनों बच्चों के माता-पिता और बच्चों से फोन पर बात की है. उन्होंने तीनों बच्चों के साथ उनके माता-पिता को यकीन दिलाया है उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार तीनों छात्राओं के साथ भारत के सभी लोगों को सकुशल उनके घर वापस लाएगी. बता दें कि यूक्रेन में फंसी जबलपुर की रिया पाठक, इशिता ठाकु और युवि गुप्ता यूक्रेन के डनिप्रो में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है.

श्योपुर जिले का एक छात्र भी भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन देश में फंसा हुआ है. ऐसे में यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर छात्र के परिजन उसकी सलामती को लेकर भारी चिंतित हैं. वह भगवान से गुहार लगा रहे हैं कि उनका बेटा जल्द सुरक्षित देश लौट आए. छात्र गोविंद राठौर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए पिछले 2 से ढाई साल से यूक्रेन में रह रहा है. रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है. ऐसे में वह 20 हजार के करीब भारतीय छात्रों के साथ यूक्रेन में फंस गए हैं. छात्र गोविंद राठौर श्योपुर पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य एसडी राठौर के बेटे हैं.

अशोकनगर की बेटी ऋषिका भी यूक्रेन के विन्नीसिया नेशनल पिरोगॉव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है. ऐसे में बेटी रूसी हमले से भयभीत ना हो, इसके लिए उनके पिता हर घंटे वीडियो कॉल कर अपनी बेटी और उसके साथ रह रहे स्टूडेंट को हौसला अफजाई कर रहे हैं. यूक्रेन की मेडिकल यूनिवर्सिटी हॉस्टल में रह रही ऋषिका खंतवाल ने बताया कि यहां मध्य प्रदेश के लगभग 500 स्टूडेंट हैं और सभी सुरक्षित हैं. हालांकि रूसी हमला होते ही गुरुवार को हॉस्टल का सायरन बजा और सभी को अलर्ट कर दिया गया.

रायसेन जिले की बरेली कस्बे की दो मेडिकल छात्राएं कीव यूक्रेन में फंसी हुई हैं. दोनों बहन अंशी उर्फ साक्षी और शिवी पारीख ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर भारत सरकार और मप्र सरकार से मदद मांगी है. बरेली में घर पर यूक्रेन रूस युद्घ के कारण परिजन चिंता में है. दोनों बहने कीव यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फिलहाल सुरक्षित है.

MP में नगरीय निकाय जनप्रतिनिधि नहीं अधिकारी चलाएंगे: पहली बार प्रदेश के सभी 412 निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति

उदयपुरा की बेटी साक्षी शर्मा ने सरकार से मदद मांगी है कि वो यूक्रेन में एयरपोर्ट पर फंसी है. एयरपोर्ट के बाहर गोलाबारी हो रही है. मध्यप्रदेश सरकार बच्चों का ध्यान दें. यूक्रेन से वीडियो कॉल कर बेटी ने सरकार से मदद मांगी है.

रतलाम की रहने वाली वैशाली राठौड़ यूक्रेन में फंसी है. खारखीव शहर के कॉलेज वो एन कराजिना कॉलेज में छात्रा वैशाली 5 साल से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. इस साल वैशाली के एमबीबीएस का लास्ट ईयर का कोर्स बाकी था. वैशाली मध्यप्रदेश के रतलाम में कस्तूरबा नगर की निवासी है. यहां परिवार सुबह से युद्ध के हालात देख चिंता में है. पिता विजय राठौड़ और परिवार सुबह से परेशान है. और वो अपनी बेटी को वापस बुलाने के लिए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम से भी मिले. कलेक्टर ने उन्हें भरोषा दिया कि हर संभव मदद की जाएगी. साथ ही जरुरी हुआ तो मुख्यमंत्री से बात कर मदद लूंगा. खारखीव शहर यूक्रेन रशिया युद्ध बॉर्डर से मात्र 42 किलोमीटर दूर है.

वैशाली ने फोन पर पिता को बताया कि एयरपोर्ट सील कर दिया गया है. हमारी ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई है. फिर इस बीच यह मैसेज भी दिया गया कि सभी छात्र अपना डॉक्यूमेंट और अन्य दस्तावेज के साथ पेकिंग कर ले. नकदी अपने पास रखे. इसके बाद मैसेज आया कि ये आप सभी छात्र अब अन्य किसी देश के लिए जल्द से जल्द रवाना हो जाए.

मुरैना की एक छात्रा और दो छात्र यूक्रेन के कीव (एमबीसी )शहर में फंसे हुए है. बिगड़े हुए हालातों में डरे सहमे हुए हैं. एमबीबीएस फस्टईयर औऱ फोर्थ ईयर छात्र है. योगमाया उपाधयाय वेदांत कुलश्रेष्ठ सक्षम पारासर परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. ईश्वर से भी छात्रों को सकुशल रखने की प्रार्थना कर रहे हैं. बिगड़े हालात के बीच छात्र सड़क पर बैठे हैं.

यूक्रेन के विनितस्या शहर में शहडोल जिले के बुढ़ार निवासी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे दो छात्र फंसे हुए हैं. वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगा रहे हैं. जानकारी मिली है कि छात्र ऋषिकेश त्रिपाठी ने बुढ़ार में रह रहे अपने भाई को बताया है कीिहम इस समय यूक्रेन के विनितस्या शहर में है. सुबह 5 बजे सायरन बजा और हमारे साथ और भी कई छात्रों को बंकर में पहुंचा दिया गया है. वहां से वीडियो बनाकर भी भेजा है.

बुरहानपुर के शाहपुर की युवती रश्मि यूक्रेन में अटकी हुई है. एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. माँ और बहन युवती के देश लौटने की आस कर रहे हैं. माँ के आंखों में आंसू हैं. 3 महीने पहले ही रश्मि पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी. यूक्रेन देश के डि निप्रो में है. रश्मि की बड़ी बहन भावना सूर्यवंशी ने सीएम हेल्पलाइन पर की बहन रश्मि के यूक्रेन में अटने की शिकायत दर्ज कराई है. रश्मि की माँ और बहन ने पीएम और सीएम उसे वापस अपने देश लाने की गुहार लगाई है.

धार जिले के 5 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हुए हैं. छात्रों ने बताया कि वहां भारत के करीब 300 छात्र फंसे हुए हैं. उसमें से धार शहर के 5 छात्रों के परिजनों ने मीडिया से मिलकर केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है. वह अभी सुरक्षित है. भारतीय दूतावास में शरण ले रखी है. उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई. 24 घंटे तक वहां पर रह सकते हैं. इसके बाद परिस्थितियों को देखते हुए वापसी का निर्णय लिया जाएगा. टरनोपिल यूनिवर्सिटी के छात्रों को 21 फरवरी को अपने देश जाने के लिए कहा गया. छात्रों ने टिकट करवाए, 2 छात्र वहां से रवाना हुए ट्रेन से कीव के लिए, लेकिन हमला होने की वजह से यह छात्र ट्रेन से उतरकर तकरीबन 7 किलोमीटर पैदल चलकर भारतीय दूतावास कीव पहुंचे.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus