नेहा केशरवानी, रायपुर. पं. दीनदयाल उपाध्याय सभागार में पं. रविवि का 26वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जहां 500 से अधिक छात्रों को गोल्ड मेडल और पीएचडी की उपाधि दी गई. NEWS24 MPCG और LALLURAM.COM के सीनियर जर्नलिस्ट वैभव शिव पांडेय, हेमचंद्र जांगड़े, देवश्री भोयर को पीएचडी की उपाधि दी गई. वहीं शिवानी तंबोली नाम की छात्रा को 4 गोल्ड मेडल मिला. राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास को डॉक्टर ऑफ लेटर्स की उपाधि प्रदान की.

पीएचडी की उपाधि मिलने के बाद वैभव शिव पांडेय ने कहा, साहित्य एवं भाषा अध्ययन शाला से हिंदी विषय में पीएचडी किया है. 2021 में अवार्ड हो गया था, लेकिन कोरोना के कारण दीक्षांत समारोह नहीं हो पाया था. हिंदी में श्री लाल शुक्ला जी के उपन्यासों के समाज भाषा में वैज्ञानिक अध्ययन किया है. गांव से निकलकर यहां तक सफर करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा. इसके लिए गुरुजनों को माता-पिता परिवारजनों को अपनी धर्मपत्नी को अपने दोस्तों को श्रेय देता हूं, जिनकी बदौलत इस मुकाम तक पहुंच पाया. हर मौके पर यही कहते रहे कि, वह आगे बढ़ते रहो. सबको धन्यवाद देना चाहता हूं. News24 और लल्लूराम.कॉम संस्थान के परिवार का भी धन्यवाद, जिन्होंने पढ़ाई के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया.

शिवानी तंबोली को मिला 4 गोल्ड मेडल

शिवानी को एमएससी कंप्यूटर साइंस में 4 गोल्ड मेडल मिला है. शिवानी ने इसका श्रेय फैमिली, टीचर को देते हुए बताया कि लालपुर के स्वामी आत्मानंद स्कूल के कंप्यूटर टीचर पद पर पदस्थ हूं. खैरागढ़ यूनिवर्सिटी से कथक नृत्य में m.a. भी किया है. मैंने इसकी पढ़ाई करते हुए गोल्ड मेडल लाया.

अपने पिताजी के ऊपर किया शोध

हेमचंद्र जांगड़े ने राजनीति विज्ञान विषय के अंतर्गत स्वर्गीय रेशम लाल जांगड़े के ऊपर पीएचडी की है. उन्होंने कहा, मेरे पिताजी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारतीय संविधान सभा के सदस्य, आजाद भारत के पहले लोकसभा के सांसद रहे हैं. चार बार के सांसद, तीन बार विधायक और मंत्री भी रहे. बहुत बड़े समाज सुधारक भी रहे. बचपन से ही पिताजी के व्यक्तित्व उनके कार्य शैली सरलता और सहजता से प्रभावित था. पहली बार में ही दिमाग में था कि, मैं अपने पिताजी के जीवन और व्यक्तित्व पर ही पीएचडी करूंगा.

आज के राजनीतिज्ञों को नई पीढ़ी और युवा पीढ़ी को रेशम लाल जी से प्रेरणा लेनी चाहिए कि, किस प्रकार कम संसाधनों में सादगी और सरलता के साथ जनता की सेवा की जा सकती है. जरूरी नहीं है कि, सांसद और विधायक बने. सामान्य व्यक्ति बनकर भी आम जनता की सेवा कर सकते हैं. भारतीय राजनीति में इसके साक्षात उदाहरण रहे हैं. उन्होंने अपने खुद के लिए आज तक आवास नहीं बनाया. पूरा जीवन संघर्षों में बिताकर देश की सेवा की.

आंखों से देख नहीं सकती, मिली पीएचडी की उपाधि

पीएचडी की उपाधि पाने वालों में एक ऐसी छात्रा देवश्री भोयर भी है. जो आंख से देख नहीं सकती. देवश्री भोयर ने बताया कि, पढ़ाई के दौरान कठिनाई जरूर आई, लेकिन उसे उन्होंने दरकिनार कर दिया.

राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष को डॉक्टर ऑफ लेटर्स की उपाधि

पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के 26 वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास को संस्कृत विषय में डॉक्टर ऑफ लेटर्स की उपाधि प्रदान की.

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