आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। साल 2025 माओवादी संगठन के लिए सिर्फ नुकसान का वर्ष नहीं, बल्कि उनकी लगातार कमजोर हो रही रणनीति का खुला इशारा बनकर सामने आया है। पहली बार माओवादी संगठन ने अपने ही दस्तावेज में स्वीकार किया है कि बीते एक साल में देशभर में सुरक्षा बलों के दबाव और ऑपरेशनों के चलते उनका कैडर भारी संख्या में खत्म हुआ है।

दरअसल, PLGA की 25वीं वर्षगांठ पर माओवादियों की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने 17 पन्नों की बुकलेट जारी की है, जिसमें दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 तक के भीतर 320 माओवादियों के मारे जाने की बात मानी गई है। यह आंकड़ा सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि यह संकेत है कि संगठन अब अपनी ताकत बचाने में असफल हो रहा है।

बुकलेट के अनुसार, मारे गए लोगों में पोलित ब्यूरो महासचिव बसवराजू और 8 केंद्रीय समिति सदस्य शामिल हैं। इतना ही नहीं, 15 स्टेट कमेटी सदस्यों के खत्म होने की बात भी स्वीकार की गई है, यानी टॉप लेवल लीडरशिप में अब सबसे बड़ा खालीपन पैदा हो चुका है।

PLGA की 25वीं वर्षगांठ मनाने का ऐलान पर जमीन पर पकड़ कमजोर

विशेषज्ञों का कहना है कि माओवादी नेतृत्व का इस तरह नुकसान कबूलना, उनके अंदरूनी टूटन और रणनीतिक विफलता का सबसे बड़ा संकेत है। वहीं दूसरी ओर, सुरक्षा बल इसे अपनी निरंतर रणनीति और ग्राउंड-लेवल इंटेलिजेंस की जीत के रूप में देख रहे हैं। माओवादी संगठन ने वर्षगांठ 2 से 8 दिसंबर तक PLGA की 25वीं वर्षगांठ मनाने का ऐलान भी किया है, लेकिन जमीन पर उनकी कम होती पकड़ अब खुद संगठन के दस्तावेजों में दिखाई देने लगी है।