रायपुर। ढाई करोड़ के ईनामी नक्सली और माओवादी संगठन के शीर्ष नेता मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति के आत्मसमर्पण की खबर ने माओवादियों को अंदर तक हिला दिया है. माओवादी संगठन ने बाकायदा प्रेस नोट जारी कर इस खबर को झूठ और अफवाह मात्र करार दिया है.

माओवादी प्रवक्ता अभय की ओर से जारी प्रेस नोट ने कहा गया है कि ‘गणपति के आत्मसमर्पण’ की कहानी केंद्र सरकार के नेतृत्व में तैयार की गई साजिश है. इसमें भारतीय खुफिया एजेंसी और भारतीय सुरक्षा मशीनरी के साथ छ्तीसगढ़ इंटेलीजेंस और तेलंगाना एसआईबी भी शामिल है. प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2022 तक माओवादी पार्टी को खत्म करने की रणनीति बनाकर काम कर रही मोदी सरकार असफल है.

प्रवक्ता अभय ने कहा कि कामरेड गणपति ने अपनी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए स्वयं दो साल पहले ही पार्टी के महासचिव पद छोड़ दिया था. यह सभी लोगों की जिंदगी में होता है, इसमें आत्मसमर्पण वाली कोई बात नहीं है. लेकिन लोगों को भ्रमित करने के लिहाज से मोदी सरकार ने गणपति के आत्मसमर्पण वाली बात फैलाई.

माओवादी प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार हमारे पार्टी नेतृत्व की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने का प्रयास कर रही है. हम सभी कामगार, किसान, गणमान्य लोगों, प्रगतिशील लोगों, राष्ट्रभक्त, साम्राज्यवाद विरोधी ताकतों से ऐसी खबरों की निंदा करने की अपील करते हैं. हम घोषणा करते हैं कि क्रांति की सफलता तक शासक वर्ग के खिलाफ केंद्रीय कमेटी के नेतृत्व में  संघर्ष करते रहेंगे.

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