रायपुर- एसईसीएल कोयला उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है और अधिकतर कोयला खदानें दूरदराज के क्षेत्र में स्थित हैं. ऐसे में कर्मियों का जीवनस्तर उत्कृष्ट होने से कार्य के प्रति समर्पण का भाव स्वमेव जागृत हो जाता है. इसी सोच के साथ एसईसीएल प्रबंधन ने अपने कर्मियों को खूबसूरत मार्डन क्वार्टर की सुविधा डिसेन्ट हाउसिंग के तहत उपलब्ध कराने का निर्णय लिया. डिसेन्ट हाउसिंग में वे क्वार्टर जो रखरखाव के अभाव में या तो बेकार हो चले थे या फिर बदसूरत व जर्जर हो गए थे उनका समावेश किया गया.

एसईसीएल प्रबंधन अब उन क्वार्टरों की पूरी तस्वीर ही बदल रहा है. इसके तहत डिजाइन को नये रंग और मार्डन अंदाज में बदल दिया गया है. ये पूरा प्रोजेक्ट 2016 से चल रहा है. एसईसीएल का टारगेट था कि चिन्हित किये गये. सभी 42,036 मकानों का नवीनीकरण कर लिया जाए, इसमें से अब तक 35,043 क्वार्टर को नये सिरे से तैयार किया जा चुका है.

डॉ. आरएस झा निर्देशक (कार्मिक)

एसईसीएल के समस्त क्षेत्रों के क्वार्टरों में रहने वाले कर्मचारियों ने अपने क्वार्टर के नवीनीकरण और बदलाव पर खुशी जतायी है. लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति हो इसके लिए भी एसईसीएल द्वारा खास व्यवस्था की गयी है. अलग-अलग जगहों पर 42 आरओ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये गये हैं. इन आरओ वाटर प्लांट से 1000 लीटर प्रति घंटे से पानी का शुद्धिकरण होता है. आरओ प्लांट के निर्माण के लिए प्रबंधन से स्वीकृति उपरांत अब तक 26 आरओ वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट के लिए वर्क आर्डर भी जारी किया जा चुका है. इस वर्क आर्डर में आरओ प्लांट का तीन साल का संचालन एवं रखरखाव सुनिश्चित किया गया है.

डिसेन्ट हाऊसिंग के तहत 35000 से ज्यादा क्वार्टरों का नवीनीकरण एसईसीएल कोयला उत्पादन व प्रेषण के साथ-साथ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुविधाओं का भी ख्याल रखता है. कर्मियों का जीवनस्तर बेहतर होने से कार्य के प्रति समर्पण और लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा जागृत की जा सकती है. एसईसीएल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी इस बात का स्पष्ट संकेत है.