Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या इस बार 20 नवंबर, गुरुवार को पड़ रही है. द्रिक पंचांग के अनुसार यह अमावस्या वर्ष की उन चुनिंदा तिथियों में से एक मानी जाती है. जब पितृ, देव और धन–समृद्धि तीनों का संयुक्त योग बनता है. धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन परम श्रद्धा से पूजा-अर्चना करता है, उसके जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं और घर में स्थायी सुख-शांति आती है.
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मार्गशीर्ष अमावस्या पर करने योग्य प्रमुख कार्य
1. पितृ तर्पण व श्राद्ध कर्म: इस तिथि को पितरों के लिए तर्पण करना अत्यंत शुभ माना गया है. इससे पितृ दोष शांत होता है और परिवार पर दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है.
2. गंगा-स्नान या घर में पवित्र स्नान: सुबह तिल मिश्रित जल से स्नान करने से पापों का क्षय होता है और मन शुद्ध होता है.
3. भगवान विष्णु की विशेष पूजा: मार्गशीर्ष मास स्वयं श्रीकृष्ण को प्रिय माना गया है. अमावस्या के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं.
4. लक्ष्मी कृपा के उपाय: शाम के समय घर के उत्तर-पूर्व दिशा में घी का दीपक जलाना धन-सौभाग्य बढ़ाने वाला माना जाता है.
5. दान-पुण्य: तिल, वस्त्र, अनाज और दीपदान विशेष फलदायी है. माना जाता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है.
6. कुंडली दोष शांति: इस अमावस्या पर राहु-केतु से जुड़े दोषों को शांत करने के लिए महामृत्युंजय जाप और कालसर्प शांति विशेष प्रभावी मानी जाती है.
क्यों सबसे खास मानी जाती है? (Margashirsha Amavasya 2025)
यह एकमात्र अमावस्या है जिसे धर्म, अध्यात्म और धन योग का त्रिवेणी संगम कहा जाता है. पितृ तृप्ति, ऋण मुक्ति और ग्रह शांति के लिए यह तिथि सर्वोत्तम है. मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य सालभर का पुण्य देता है.
इसलिए मार्गशीर्ष अमावस्या पर नहीं चूकें ये दुर्लभ अवसर, क्योंकि यह तिथि जीवन के हर क्षेत्र में शुभ फल प्रदान करने वाली मानी गई है.
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