रायपुर. योग आसन करते रहने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर स्वस्थ महसूस करता है. इससे शरीर में लचीलापन आता है, आपकी रीढ़ की हड्डी, मांसपेशी और शरीर के दूसरे अंग भी सही तरीके से काम कर पाते हैं. उम्र बढ़ने पर महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में भी कई सारे बदलाव आते हैं. योग-आसन इन अंगों पर भी बढ़िया प्रभाव डालता है. ऐसा ही एक आसन है मार्जरी आसन. इससे रीढ़ की हड्डी में कड़ापन नहीं आता है. यह लचीली बनी रहती है. तो आइए इस आसन को करने की विधि, सावधानियां और फायदे जानते है.


इस तरह करें मार्जरी आसन
1-अपने मैट पर पद्मासन में बैठें, अब गहरी सांस लेते हुए धीरे से घुटने को आगे की तरफ मोड़ें.
2- अब पंजों को पीछे कर पीठ को सीधी कर बैठ जाएं. अब अपने हाथों की हथेलियों को आगे की तरफ रखना है. दोनों हाथों की को‍हनियों को घुटनों से लगाते हुए फर्श पर रखें.
3-अब एक हाथ का गैप बना लें और दोनों हाथों पर वेट देते हुए घुटनों पर खड़े हो जाएं. इस बात का ध्‍यान रखें कि आपके दोनों हाथ एक ही जगह फिक्‍स रहे.
4-अब गहरी सांस लें और कमर को नीचे की तरफ और गर्दन को उठाएं. अब होल्‍ड करते हुए सांस निकालें और कमर को उठाएं, साथ में गर्दन को नीचे की तरफ करें. इसे कैट कैमल पोज भी कह सकते हैं. यह प्रक्रिया आप 10 चक्र तक करें.

मार्जरी के फायदे
रीढ़ की हड्डी होती है लाचीली
हम जानते है कि मार्जरी आसन एक आगे की ओर झुकने और पीछे मुड़ने वाला योग आसन है, जिससे आपके रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव पड़ता है. यह खिंचाव आपकी रीढ़ की हड्डी को अधिक लचीला बनने में मदद करता है. इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को फैलाने और मजबूत करने में भी मदद करता है.


पाचन क्रिया में सुधार
मार्जरी आसन करने से आपके पेट की मांसपेशियों पर भी खिंचाव पड़ता है, जिससे पेट के सभी अंगों की अच्छी मालिश हो जाती है. यह मालिश पेट के अंगों को उत्तेजित करती है, जो कि पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद करती है.


रक्त परिसंचरण में सुधार
कैट पोज़ को करने वाले व्यक्ति को लंबी और गहरी सांस लेना पड़ती है, जिससे फेफड़े अच्छी तरह से फैलते हैं. इसके कारण पूरे शरीर में ऑक्सीजन अधिक मात्रा में जाती है, जो कि रक्त परिसंचरण में सुधार करती है.


पेट की चर्बी हो जाएगी कम
मार्जरी आसन करने के लिए आपको अपनी नाभि को अंदर की ओर खींचना पड़ता है, जो कि लंबे समय में आपके पेट से अनावश्यक वसा को कम करने में मदद करता है. इससे आपके पेट की चर्बी कम हो जाएगी. यह आसन धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से पेट को टोन करने में मदद करता है.


तनाव करे दूर
मार्जरासन तनाव को दूर करने में बहुत मदद करता है. यह आसन मन को शांत करके मानसिक शांति प्रदान करता है. इसके अलावा इस आसन को करने से आपके कंधे और कलाई दोनों मजबूत होंगे.


मार्जरी आसन करते समय रखें इन बातों का ध्यान
1- मार्जरी आसन का अभ्यास उस स्थिति में नहीं करना चाहिए जबकि कमर में किसी प्रकार की कोई भी परेशानी हो.
2- घुटनों एवं कलाईयों में मोच अथवा दर्द की स्थिति में भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए. इस आसन को करते समय शरीर को जितना सहज और लचीला बनाएंगे उतना ही अच्छा होगा.
3-अगर आपकी गर्दन में चोट या दर्द है, तो आप इस आसन को करने की कोशिश ना करें.
4-अपनी क्षमता से अधिक इस आसन को करने की कोशिश ना करें.
5-मार्जरासन को महिलाएं गर्भवस्था के दौरान ना करें.
6-यदि आप सिर की चोट से पीड़ित हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने सिर को अपने धड़ के अनुरूप रखें.
7-इस आसन को करते समय शरीर को ढीला और लचीला छोड़ें, आप जितना शरीर को लचीला छोड़ेंगे उतना ही आपके लिए बेहतर होगा.

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