वैश्विक मंदी की आहट के कारण कई टेक कंपनियां जैसे गूगल (Google Layoffs), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Layoffs), अमेजन आदि ने कई चरणों में एंप्लाइज की छंटनी की है. इसमें मेटा का नाम भी शामिल है. मेटा ने कई चरणों में हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा है. इसके बाद कंपनी में कराए गए आंतरिक सर्वे से यह पता चला है कि कंपनी के आधे से अधिक कर्मचारियों का मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) की लीडरशिप पर भरोसा नहीं रहा. मेटा फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) और व्हाट्सएप (Whatsapp) की पेरेंट कंपनी है और मार्क जुकरबर्ग कंपनी के फाउंडर और सीईओ (Meta Founder and CEO) हैं.

कम होती जुकरबर्ग की लोकप्रियता?

अब जैसी मार्क जुकरबर्ग की छवि रही है, तमाम तरह की चुनौतियों के बावजूद भी उन पर कर्मचारियों का भरोसा ज्यादा कम नहीं होता है. लेकिन इस सर्वे में सब कुछ बदल गया है और मार्क जुकरबर्ग के लिए खतरे की घंटी बज गई है. असल में फेसबकु ने एक इंटरनल सर्वे किया, जिसमें कहा गया कि 70 प्रतिशत कर्मचारियों को जुकरबर्ग बतौर बॉस पसंद नहीं हैं, उन्हें उनकी लीडरशिप पर अब पुराना वाला भरोसा नहीं रहा. इससे पहले जो सर्वे हुआ था, उसमें कहा गया था कि जुकरबर्ग 31 फीसदी कर्मचारियों को भरोसा है, लेकिन अब कहा जा रहा है कि ये आंकड़ा गिरकर 26 प्रतिशत पर पहुंच गया है. अभी तक इस सर्वे पर मार्क जुकरबर्ग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कंपनी में बढ़ते असंतोष के संकेत जरूर मिल गए हैं.

जकरबर्ग ने क्या कहा

इस बीच जकरबर्ग ने मेटा के कर्मचारियों से कहा है कि उनकी कंपनी को वापस पटरी पर लाने की योजना ह. हाल में हुई एक मीटिंग में उन्होंने छंटनी पर स्पष्टीकरण दिया और पहली बार यह भी बताया कि एआई और वर्चुअल रिएलिटी कैसे साथ-साथ काम करेंगे. जकरबर्ग ने साल 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अपने कुछ दोस्तों के साथ फेसबुक की स्थापना की थी जो आज दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्क साइट है. 14 मई 1984 को जन्मे जकरबर्ग 2007 में 23 साल की उम्र में दुनिया में सबसे कम उम्र के बिलिनेयर बन गए थे. जकरबर्ग मात्र 23 साल की उम्र में ही बिलिनेयर बन गए थे. आज उनकी नेटवर्थ 96.7 अरब डॉलर है और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 10वें नंबर पर हैं.