मुंबई के दलाल स्ट्रीट पर मंगलवार सुबह जैसे ही घंटी बजी, माहौल में हल्की सी राहत की चमक दिखी. हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स 300 अंक चढ़कर 82,098 के ऊपर जा पहुंचा, जबकि निफ्टी ने 25,150 का स्तर छुआ है. सतह पर सबकुछ स्थिर दिखा, मगर विशेषज्ञों का कहना है – यह उछाल उतना सीधा नहीं जितना दिखता है.

सुबह की शुरुआत में तेजी, पर निवेशक अब भी सतर्क
- सेंसेक्स के 30 में से 23 शेयर हरे निशान में रहे. टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों में मजबूत खरीदारी दिखी.
- दूसरी ओर, ट्रेंट के शेयर में 2% से ज्यादा की गिरावट आई. निफ्टी में भी 39 शेयरों में तेजी और 11 में गिरावट दर्ज की गई.
- मेटल, फार्मा, बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर आज बाजार को खींचते नजर आए, जबकि मीडिया, प्राइवेट बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज में गिरावट ने ब्रेक लगाने की कोशिश की.
विदेशी निवेशक पीछे हटे, घरेलू खिलाड़ियों ने संभाली कमान
डेटा बताता है कि 6 अक्टूबर को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 313.77 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 5,036 करोड़ रुपए की नेट खरीदारी की. सितंबर में जहां एफआईआई ने ₹35,301 करोड़ की बिकवाली की, वहीं डीआईआई ने करीब ₹65,343 करोड़ की जमकर खरीदारी की. अगस्त में भी यही रुझान रहा था — विदेशी पूंजी बाहर, घरेलू भरोसा भीतर.
ग्लोबल मार्केट में मिला-जुला रुख
एशिया के बाजारों में आज मिलीजुली चाल देखी गई. जापान का निक्केई 0.67% चढ़कर 48,265 पर कारोबार कर रहा है, जबकि हांगकांग और कोरिया के बाजार अवकाश के चलते बंद हैं.
चीन का शंघाई कंपोजिट भी मिड-ऑटम फेस्टिवल के कारण 8 अक्टूबर तक बंद रहेगा. अमेरिका में सोमवार को डाउ जोन्स 0.14%, नैस्डैक 0.71%, और S&P 500 में 0.36% की बढ़त रही – यानी ग्लोबल सेंटिमेंट फिलहाल संतुलित है.
कल की तेजी ने बनाई थी उम्मीदें
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया था – सेंसेक्स 583 अंक चढ़कर 81,790, और निफ्टी 183 अंक बढ़कर 25,078 पर बंद हुआ.
आईटी, बैंकिंग और हेल्थकेयर सेक्टर में 2.3% तक की बढ़त दर्ज हुई थी, हालांकि मीडिया और मेटल स्टॉक्स ने गिरावट के साथ बंद होकर थोड़ी निराशा दी.
लेकिन सवाल वही: यह राहत असली है या झिलमिलाहट भर?
त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले बाजार में उत्साह तो है, लेकिन विश्लेषकों के मुताबिक निवेशक अब भी सतर्क हैं. गोल्ड की कीमतों में नरमी और डॉलर इंडेक्स की स्थिरता ने कुछ राहत दी है, पर ब्याज दरों के संकेत और अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता अभी भी सिर पर मंडरा रहे हैं.
शायद यही वजह है कि आज की तेजी को बाजार के पुराने खिलाड़ी “क्लासिक प्री-फेस्टिव रैली” नहीं, बल्कि “संभावित तूफान से पहले की खामोशी” मान रहे हैं.
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