हमीरपुर. 26 साल की दीपशिखा को 21 साल की अभिलाषा से प्यार हो गया. दोनों पहले लिव-इन में रहती रहीं। किसी को पता नहीं चला. एक दिन पहले ही दोनों ने शादी रचा ली. सरकारी दफ्तर पहुंच अफसर के सामने एक दूसरे को जयमाला पहनाई. बेटी के इस कदम के सामने आते ही परिजनों ने दोनों से नाता तोड़ लिया. दीपशिखा का कहना है कि वह अपनी सहेली के साथ नया घर बसाएगी.
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में समलैंगिक शादी करने वाली दोनों युवतियों का उनके परिजनों ने परित्याग कर दिया है. अब यह समलैंगिक जोड़ा अलग घर बसाकर नए सिरे से जिंदगी जिएगा. दीपशिखा (26) ने बताया कि उसने अभिलाषा (21) के साथ समलैंगिक शादी की है. वह स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अब आईटीआई की पढ़ाई कर रही है. उसने कहा कि इस समलैंगिक शादी से दोनों के परिजन नाराज हैं और हमसे संबंध विच्छेद कर लिया है जबकि वह दोनों पिछले कई सालों से लिव इन रिलेशन में रह रही थीं. एक सवाल के जवाब में उसने कहा कि परिजनों के नाता तोड़ लेने के बाद दोनों नया घर बसाकर नए सिरे से जिंदगी जिएंगी.
इनमें से एक बच्चे की मां हैं. उसे अपनी सहेली से प्यार हुआ तो उसने सब कुछ छोड़ उससे शादी रचाने का फैसला कर दिया. हालांकि निबंधन कार्यालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिक विवाह को सामाजिक मान्यता देने के आदेश से जुड़ा कोई शासनादेश न होने का हवाला देकर पंजीयन नहीं किया है.
निबंधन कार्यालय के सब रजिस्ट्रार ने बताया, ‘राठ कोतवाली क्षेत्र के रहने वाली दो युवतियां उनके कार्यालय आईं और दोनों ने एक-दूसरे के गले में जयमाल डाल कर समलैंगिक शादी रचा ली. इनमें एक युवती की उम्र 26 साल और दूसरी युवती की उम्र 21 साल है, जो शादीशुदा और एक बच्चे की मां भी है.’ उन्होंने बताया, ‘समलैंगिक जोड़े ने शपथ-पत्र के जरिए प्रार्थन-पत्र देकर शादी को पंजीकृत करने और सामाजिक मान्यता देने की मांग की है.
समलैंगिक विवाह को सर्वोच्च न्यायालय के मान्यता देने संबंधी कोई शासनादेश अब तक न आने की वजह से न तो शादी पंजीकृत की जा सकी है और न ही उसे मान्यता ही दी गई है इक्कीस साल की युवती के अधिवक्ता दयाशंकर तिवारी ने बताया, ‘उसकी मुवक्किल परिषदीय विद्यालय के एक शिक्षक की बेटी है और 26 साल की युवती एक मजदूर की बेटी है. दोनों शिक्षित हैं और दोनों ने अपनी मर्जी से समलैंगिक विवाह रचाया है. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी को संबोधित शपथ-पत्र के जरिए पंजीयन व सामाजिक मान्यता देने की मांग की गई है. अधिवक्ता के अनुसार, उनकी मुवक्किल शादीशुदा और एक बच्चे की मां है. बच्चा एक युवक के घर पल रहा है.