रेणु अग्रवाल, धार। इन दिनों शादी ब्याह का सीजन चल रहा है और बाराती और घराती में झगड़ा न हो तो फिर कैसी शादी। ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें दूल्हा के शेरवानी पहनने पर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि हाथापाई के साथ पत्थरबाजी हो गई। मामला थाने जा पहुंचा। पुलिस ने दोनों पक्षों (बाराती और घराती) के 12 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है।

धामनोद थाना क्षेत्र की दहीवर पंचायत के ग्राम मागबेयड़ा में जिला धार के अर्जुन कॉलोनी से आई बारात बिना विवाह वापस लौट गई। विवाद का कारण फेरे के समय दूल्हे के पहने हुए कपड़ों को लेकर था। दूल्हा शेरवानी पहना हुआ था जबकि कुछ लोग सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार कुर्ता पजामा पहनकर फेरे लेने की जिद पर अड़े थे। बात इतनी बढ़ी की दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ। नौबत यहां तक पहुंची की हाथापाई और जमकर पत्थरबाजी हो गई। बारातियों की गाड़ी पर भी पथराव किया गया। अंततः मामला पुलिस थाने पहुंचा।

पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 12 लोगों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। खास बात यह थी कि इस पूरे विवाद में लड़की पक्ष एवं लड़का पक्ष विवाद नहीं चाहते थे। विवाह से पूर्व लड़के के पिता कुर्ता पजामा लेने बाजार भी पहुंच गए थे। इधर बताया जा रहा है कि बराती बिना खाए वापस लौट गए। वहीं दूल्हा- दुल्हन को लेकर धार रवाना हुआ। बताया जा रहा है कि अब यह विवाह धार में संपन्न होगा।

छोटा तहसीलदार ने ग्रामीण से की ठगी
धार का जिला अस्पताल ग्रामीण खासकर आदिवासी मरीजों के लिए ठगी का अड्डा बन गया है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। तिरला क्षेत्र का पीरु नामक व्यक्ति जिला अस्पताल में पत्नी का इलाज कराने आया था। वहां उससे एक व्यक्ति मिलने आया और अपने आप को छोटा तहसीलदार बताया।कलेक्टर से मिलवाकर बीमारी के लिए आर्थिक सहायतादिलवाने की बात कही। उसे विश्वास में लेकर रिक्शा में बिठाकर कलेक्ट्रेट ले गया और कागज बनाने के नाम पर 35 सौ रुपये लेकर गायब हो गया।

बहुत देर तक इंतजार के बाद उसे समझ आया कि वह ठगा चुका है। वे सीधे कलेक्टर के पास पहुंचा और उसने कलेक्टर डॉ पंकज जैन को आपबीती बताई। वहां से पुलिस कप्तान के पास पहुंचा। एसपी ने उसे आश्वासन दिया कि वे सीसीटीवी कैमरे में देखकर उक्त व्यक्ति को ढूंढ लिया जाएगा। बता दें कि जिला अस्पताल में यहपहली वारदात नहीं है इस तरह की कई वारदातें हो चुकी है। लेकिन पहली बार कोई व्यक्ति ऐसे मामलों में कलेक्टर को शिकायत करने के लिए पहुंचा।

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