पठानकोट : लद्दाख के गलवान के चारबाग क्षेत्र में बुधवार को हुए एक दुखद हादसे में शहीद हुए पठानकोट के लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मांकोटिया का गुरुवार को उनके पैतृक शहर पठानकोट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

इस अवसर पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक, सेना के वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय लोग मौजूद रहे। बुधवार सुबह लद्दाख में भारत-चीन सीमा के पास अचानक लैंडस्लाइडिंग के कारण सेना का एक वाहन पत्थरों की चपेट में आ गया। इस हादसे में पठानकोट के लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप सिंह मांकोटिया और गुरदासपुर के नायक दलजीत सिंह शहीद हो गए। इसके अलावा दो मेजर और एक कैप्टन सहित तीन अन्य अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए भेजा गया। सैनिकों का काफिला दुर्बुक से चोंगताश की ओर जा रहा था।

गुरुवार को लेफ्टिनेंट कर्नल भानू प्रताप की पार्थिव देह उनके पठानकोट स्थित आवास पर पहुंची। दोपहर करीब 3 बजे चक्की पाल के पास श्मशानघाट में उनके छोटे भाई ने उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने भी शहीद को श्रद्धा सुमन भेंट किए और कहा, “पंजाब सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है। परिवार को किसी भी समस्या का सामना करना पड़ा तो उसका समाधान किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।

शहीद भानू प्रताप अपने पीछे बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और एक साल के बेटे को छोड़ गए हैं। उनके पिता ने कहा, “हमें अपने बेटे पर गर्व है, जो देश के लिए शहीद हुआ। उसकी शहादत से न केवल परिवार, बल्कि उनकी यूनिट और देश को भी बड़ा नुकसान हुआ है।” उन्होंने बताया कि सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें इस हादसे की सूचना दी थी।

शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुमार रविंदर विक्की ने कहा कि इस मुश्किल समय में उनकी संस्था शहीद के परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। उन्होंने वादा किया कि शहीद के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।