रोहतास। जिले के नौहट्टा प्रखंड के तिऊरा गांव के रहने वाले जवान जैसलमेर हादसे में शहीद हो गए थे। जवान मथुरा प्रसाद गुप्ता का पार्थिव शरीर मंगलवार को गांव पहुंचा तो पूरा इलाका शोक की चादर में लिपट गया। गांव की गलियों में गूंज रहे भारत माता की जय के नारों के बीच हर आंख नम और हर दिल भारी था।
नाइट्रोजन टैंक फटने से गई जान
जानकारी के अनुसार 4 नवंबर को मथुरा प्रसाद जैसलमेर के मिलिट्री बेस में टैंक रिपेयरिंग का काम कर रहे थे, तभी नाइट्रोजन गैस टैंक फटने से वे गंभीर रूप से झुलस गए। सैन्य अस्पताल में कई दिनों तक चले उपचार के बाद 22 नवंबर को उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुर्घटना में चार अन्य जवान भी घायल हैं।
सैन्य सम्मान में दी विदाई
शहीद का शव पहुंचते ही दूर-दूर के गांवों से लोग उमड़ पड़े। अंतिम संस्कार स्थल पर भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा, जहां प्रशासनिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। एसडीएम निलेश कुमार, एएसपी अतुलेश झा, सांसद मनोज राम और विधायक मुरारी प्रसाद गौतम ने परिवार को ढांढस बंधाया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
पत्नी और दो बेटों को पीछे छोड़ गए
मथुरा प्रसाद अपनी 29 वर्षीय पत्नी पूजा देवी और दो छोटे बेटों 12 वर्षीय शुभम एवं 9 वर्षीय शौर्य को रोता-बिलखता छोड़ गए। बच्चों की मासूम आंखें अपने पिता की अर्थी देखकर बार-बार भर आ रही थीं। गांव की महिलाएं परिवार को संभालने में लगी थीं लेकिन दर्द इतना गहरा था कि कोई भी इसे शब्दों में नहीं बांध पा रहा था।
सरकार ने दी आर्थिक सहायता
अंतिम संस्कार के दौरान एसडीएम ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत 50 लाख रुपये की राशि पीड़ित परिवार को दे दी गई है। इसके अलावा 75 लाख रुपये की सेना बीमा राशि और सैनिक कल्याण निदेशालय की अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
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