रायपुर। मरवाही उपचुनाव के लिए जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन खारिज हो गया है. जिला निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले पर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकुमार साय ने स्वागत किया है.

साय ने कहा कि अजीत जोगी जिस तरह नकली जाति प्रमाण बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, उसके खिलाफ वे कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब ये फैसला आया, उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई है.

बता दें कि मरवाही उपचुनाव के लिए 19 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए थे, जिसमें आम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया से पुष्पा कोर्चे, इंडियन नेशनल कांग्रेस से श्री कृष्ण कुमार ध्रुव,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से रितू पंद्राम, निर्दलीय सोनमती सलाम, भारतीय जनता पार्टी से डॉ. गंभीर सिंह, निर्दलीय प्रताप सिंह भानू, निर्दलीय अर्पण सिंह पैंकरा, राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी से उर्मिला मार्को, भारतीय ट्रायबल पार्टी से वीरसिंह नागेश, भारतीय टॉयबल पार्टी से शिवप्रसाद भानू, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से अमित ऐश्वर्य जोगी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से ऋचा जोगी, भारतीय सर्वजन हितेय समाज पार्टी से लक्ष्मण पोर्ते, निर्दलीय कल्याण सिंह करसायल, स्वाभिमान पार्टी से ओमकरण पोर्ते, राष्ट्रवादी कांग्रेस प्राटी से गुलाब सिंह शामिल थे. इनमें से 6 प्रत्याशियों के नामांकन स्क्रूटनी के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने निरस्त कर दिए.

राज्य गठन के बाद से जोगी परिवार का रहा कब्जा

राज्य गठन के बाद से ही मरवाही में जोगी परिवार का कब्जा रहा है. इस सीट से अजीत जोगी चुनाव लड़ते रहे हैं. उनके अलावा अमित जोगी या फिर जोगी परिवार का ही कोई सदस्य यहां से विधायक चुनकर आता था. ऐसा पहली बार होगा जब यहां से जोगी परिवार से कोई भी चुनाव मैदान में नहीं होगा. जोगी कांग्रेस ने दो अन्य प्रत्यशियों ने भी यहां से नामांकन पत्र भरा था, लेकिन उनका भी नामांकन निरस्त हो गया है, इसके साथ ही अब आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गयी है. छ्तीसगढ़ गठन के बाद ऐसा पहली बार होगा जब यहां से जोगी परिवार के अलावा कोई विधायक चुनकर आएगा.