Masik Shivratri : सालभर में कुल 12 शिवरात्रि पड़ती हैं यानी हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार माघ माह की चतुर्दशी तिथि 8 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और 9 फरवरी 2024 को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी.

शिवरात्रि पूजा की विधि

मासिक शिवरात्रि पर सुबह उठकर स्नान किया जाता है. इसके बाद भोलेनाथ के लिए व्रत का संकल्प लिया जाता है. स्व’छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. शिवरात्रि पर हरा और सफेद रंग पहनना भी बेहद शुभ होता है. पूजा में भोलेनाथ को फूल, चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, दीप, धूप और शहद आदि अर्पित किए जाते हैं. शिव आरती की जाती है, मंत्रों का जाप किया जाता है और भोग लगाकर पूजा की समाप्ति होती है.

शिवरात्रि उपाय

धन संपदा की कमी

मासिक शिवरात्रि की रात शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाएं और ओम नमो भगवते रुद्राय नम: मंत्र का जाप करते रहें और साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें. मान्यता है कि इससे भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं. धन-संपत्ति की सारी समस्याएं दूर हो जाती है.

अगर राहु-केतु कर रहे हैं पेरशान

राहु-केतु जनित दोष व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मचा देता है. आर्थिक और मानसिक परेशानी बढ़ने लगती है. अगर किसी जातक की कुंडली में राहु-केतु की महादशा चल रही है तो अश्विन मासिक शिवरात्रि में निशिता काल मुहूर्त में जल में दुर्वा और कुश मिलाकर शिव जी का अभिषेक करें पंचाक्षरी मंत्र का कम से कम 11 माला जाप करें. मान्यता है इससे राहु-केतु शांत होते हैं.

दांपत्य जीवन में सुख-शांति

माघ माह का मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन है. इस दिन केले के पत्ते पर पांच सुहाग के सामान रखकर उसे सुहागिन को दान कर दें. इसके अलावा आप केले के पेड़ पर हल्दी या कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर उसके जड़ में दूध चढ़ाएं. ये उपाय शीघ्र विवाह के लिए बहुत कारगर है.

शनि की साढ़ेसाती का उपाय

जिन लोगों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव के कारण नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल पा रहा या जॉब की तलाश में भटक रहे हैं तो मासिक शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में जल में काले तिल मिलाकर शिवजी का अभिषेक करें. इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना है. मन, कर्म, वचन से शुद्धता रखें. तभी ये उपाय कार्य में सफलता दिलाएगा.

शिव को लगाएं इस चीज का भोग

भोलेनाथ को सबसे अधिक प्रिय बेल का फल है. मासिक शिवरात्रि के दिन बेल का फल चढ़ाने से गंभीर रोग से मुक्ति मिलती है.