जितेंद्र सिन्हा, राजिम. धार्मिक नगरी राजिम के महानदी, सोंढूर,पैरी के संगम में आज अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब पूरा मेला क्षेत्र विशाल विवाह मंडप में बदल गया था. अवसर था मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह का. इस आयोजन में यहां पहली बार 187 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया. राजिम माघी पुन्नी मेला के अवसर पर यह ऐतिहासिक पल था कि जिले गरीब 187 बेटियों के हाथ हजारों लोगों की गवाही में पीले हुए.

भगवान राजीव लोचन और कुलेश्वर नाथ की पावन धरा में बेटियों को महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, जनप्रतिनिधि और अधिकारी-कर्मचारियों का आशीर्वाद मिला. इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने वर-वधु को आशीष और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह एक शुभ अवसर है, कि आज राजिम के पवित्र धरा पर सामूहिक विवाह सम्पन्न हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने बधाई दिया है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के संवेदनशील मुखिया भूपेश बघेल द्वारा बेटियों की शादी के लिए दी जाने वाले सहायता राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपये कर दिया हैं.

भेड़िया ने कहा कि कोई भी परिवार अपने आप को कमजोर न समझे, उनके साथ सरकार हमेशा साथ है. इस सामूहिक विवाह के अनुकरणीय पहल के लिए मंत्री भेड़िया ने कलेक्टर एवं स्थानीय प्रशासन को भी बधाई दी. अनिला भेड़िया ने राजिम मेला क्षेत्र के लिए जमीन चिन्हांकन के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में सुव्यवस्थित और सुनियोजित मेला का आयोजन होगा.

इस अवसर पर जिला पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने नवदम्पत्तियों को सुखमय जीवन की शुभकामनाएं दी है. इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम, जनपद पंचायत अध्यक्ष फिंगेश्वर पुष्पा साहू, उपाध्यक्ष योगेश साहू, भावसिंह साहू, कमिश्नर जी.आर. चुरेन्द्र, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक एम.आर. आहिरे, जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह एवं महिला बाल विकास के अधिकारी जगरानी एक्का तथा वर-वधु के परिवार व आगंतुक भी मौजूद थे.

गायत्री परिवार के वैदिक मंत्रोच्चार और रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न हुआ. इसके पूर्व वधु एवं वर पक्ष से अधिकारी-कर्मचारी बाराती और घराती बने. वर पक्ष को बाजे-गाजे के साथ स्वागत कर बारात निकाली गई. जिसमें अधिकारी-कर्मचारी जमकर थिरके. वहीं वधु पक्ष के अधिकारियों ने फूल बरसाकर स्वागत किया. पूरा मेला स्थल विवाहमय नजर आ रहा था. इस सामूहिक विवाह में देवभोग से आये नवदम्पत्ति सूरज कुमार और दुलेश्वरी, चन्द्रकांती और पुष्पध्वज, गौरगांव के धरमिली और मनीष, भुनेश्वर व लीलेश्वरी, हरीश व पुष्पा ने इस आयोजन के लिए शासन-प्रशासन का आभार प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि यह शादी हमारे जीवन के लिए यादगार क्षण है.